समुद्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में भारतीय नौसेना अत्यधिक सफलः राष्ट्रपति

समग्र समाचार सेवा

विशाखापत्तनम, 21 फरवरी। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने सोमवार को कहा कि भारतीय नौसेना की निरंतर निगरानी, घटनाओं पर त्वरित प्रतिक्रिया और अथक प्रयास समुद्र की सुरक्षा बनाए रखने में अत्यधिक सफल रहे हैं। उन्होंने कहा कि भारत महासागरों के सतत उपयोग के लिए सहकारी उपायों पर ध्यान केंद्रित करते हुए इस क्षेत्र में सभी के लिए सुरक्षा और विकास में विश्वास करता है।

सर्वोच्च कमांडर कोविंद ने नौसेना के बेड़े को संबोधित किया

बंगाल की खाड़ी में विशाखापत्तनम तट पर राष्ट्रपति के फ्लीट रिव्यू-2022 के दौरान सशस्त्र बलों के सर्वोच्च कमांडर कोविंद ने नौसेना के बेड़े को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि जहाजों, विमानों और पनडुब्बियों की उत्कृष्ट परेड ने राष्ट्र की समुद्री सेवाओं की पेशेवर क्षमता और दृढ़ संकल्प को प्रदर्शित किया है।

भारतीय नौसेना की तैयारियों को प्रदर्शित किया गया

परेड में किसी भी आपातकालीन स्थिति के लिए भारतीय नौसेना की तैयारियों को भी प्रदर्शित किया गया। राष्ट्रपति ने कहा, ‘वैश्विक व्यापार का एक बड़ा हिस्सा हिंद महासागर क्षेत्र से होकर जाता है। हमारी व्यापार और ऊर्जा जरूरतों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा महासागरों के माध्यम से पूरा किया जाता है। इसलिए, समुद्रों की सुरक्षा एक अहम जरूरत बनी हुई है।’

आईएनएस सुमित्रा पर सवार हुए राष्ट्रपति

इस दौरान राष्ट्रपति ने स्वदेश में विकसित अपने गश्ती जहाज आईएनएस सुमित्रा पर सवार होकर बंगाल की खाड़ी में 44 जहाजों का निरीक्षण किया। इन सभी जहाजों ने राष्ट्रपति को पारंपरिक सलामी दी। आईएनएस सुमित्रा राष्ट्रपति का जहाज (प्रेसीडेंशियल यॉट) है। राष्ट्रपति की ओर से की गई इस समीक्षा की थीम ‘भारतीय नौसेना- राष्ट्र की सेवा में 75 वर्ष’ थी।’

रक्षा मंत्री समेत आला अधिकारियों ने कार्यक्रम में की शिरकत

प्रेसीडेंशियल यॉट पर राष्ट्रपति के साथ प्रथम महिला सविता कोविंद, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, रक्षा राज्य मंत्री अजय भट, आंध्र प्रदेश के राज्यपाल बिस्वभूषण हरिचंदन, थल सेना प्रमुख एमएम नरवणे, नौसेना प्रमुख एडमिरल आर हरि कुमार, नौसेना पूर्वी कमान के फ्लैग ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ वाइस एडमिरल बिस्वजीत दासगुप्ता व अन्य अधिकारी मौजूद रहे।

कोविंद ने सचल पनडुब्बी कॉलम का निरीक्षण किया

राष्ट्रपति ने यहां सचल पनडुब्बी कॉलम का निरीक्षण भी किया। इसमें स्वदेश में निर्मित कलवारी वर्ग की पनडुब्बी आईएनएस वेला शामिल है। इसे हाल ही में नौसेना के बेड़े में शामिल किया गया है। बेड़े की समीक्षा पूरी करने के बाद राष्ट्रपति बेस पर लौटे जहां उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई।

भारत ने परमाणु पनडुब्बियों का निर्माण कियाः कोविंद

उन्होंने कहा कि यह पूरे देश के लिए बहुत ही गर्व की बात है कि भारत ने परमाणु पनडुब्बियों का निर्माण किया है। जल्द ही हमारे पास स्वदेश में निर्मित विमानवाहक पोत ‘विक्रांत’ भी सेवा में शामिल कर लिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा कि स्वदेशी नौसैनिक जहाज निर्माण क्षमताओं का विकास ‘आत्मनिर्भर भारत’ के निर्माण के लक्ष्य में में एक प्रभावशाली योगदान है।

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