एमवे इंडिया पर ईडी की बड़ी कार्रवाई, पिरामिड स्कीम फ्रॉड का पर्दाफाश, 757 करोड़ रुपए की संपत्ति कुर्क

समग्र समाचार सेवा

नई दिल्ली, 20 अप्रैल। प्रवर्तन निदेशालय ने एमवे इंडिया इंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड कंपनी पर बड़ी कार्रवाई की है। ईडी  ने एमवे की 757 करोड़ रुपए से ज्यादा की संपत्ति को कुर्क किया है। ईडी  ने ये कार्रवाई मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के तहत की है। एमवे डायरेक्ट सेलिंग मल्टी लेवल मार्केटिंग नेटवर्क  की आड़ में ‘पिरामिड फ्रॉड’ चला रहा था। कंपनी के सदस्य आगे के ही सदस्यों को लिस्ट में जोड़ रहे थे और कागजी तौर पर उन्हें सामान बेच रहे थे।

डायरेक्ट सेलिंग का धंधा

कंपनी डायरेक्ट सेलिंग की आड़ में एमएलएम पिरामिड स्कीम चला रही थी। एमवे के अलावा टपरवेयर, ओरिफ्लेम जैसी कंपनियां भी हैं, जो भारत में इसी तरह से पिरामिड फ्रॉड चला रही थी। डायरेक्ट सेलिंग का मतलब है सीधे ग्राहकों को सामान बेचना। प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारियों के मुताबिक, एमवे कंपनी में एजेंटों को जुड़ने के लिए कहा जाता है। इसके बाद उनसे कहा जाता है कि वह कंपनी के सामान को खरीदें। लालच दिया जाता है कि अगर वो आगे और सदस्य बनाएंगे और अगर वे सदस्य आगे और सदस्य बनाकर सामान खरीदेंगे तो उन्हें उसका कमीशन मिलेगा।

757 करोड़ 77 लाख रुपए की संपत्ति कुर्क

जानकारी के मुताबिक, कंपनी अपने एजेंटों को जो सिद्धांत बताती है उसके मुताबिक बेचना बाद में पहले खुद इस्तेमाल करें। मतलब पहले इस कंपनी का सदस्य बनने वाले को कंपनी की चीजों को खरीदना ही होगा। ईडी के मुताबिक, एमवे की कुल 757 करोड़ 77 लाख रुपए की चल-अचल संपत्ति कुर्क की गई है। इसमें तमिलनाडु के डिंडीगुल जिले में एमवे की भूमि और कारखाना भवन, संयंत्र और मशीनरी वाहन, बैंक खाते और सावधि जमा शामिल है। इससे पहले भी ईडी ने एमवे के विभिन्न 36 बैंक खातों से 411 करोड रुपए की संपत्ति भी जब्त की थी।

ग्राहकों को देती है करोड़ों कमाने का लालच

ईडी के मुताबिक, कंपनी लोगों को लालच देती थी कि वह अपने खाली समय का इस्तेमाल करते हुए सामान बेच सकते हैं और करोड़ों रुपए कमा सकते हैं। ‘पिरामिड’ की वहीं चेन तैयार होती है, जिस चेन में आए सभी लोगों को वह माल खरीदना ही होता है जो कंपनी अपने मूल्यों पर बेचती है।

क्या है पिरामिड स्कीम?

पिरामिड स्कीम  एक तरह का मल्टी लेयर्ड नेटवर्क होता है। इस स्कीम में एक व्यक्ति दूसरे व्यक्ति को जोड़ता है और इस तरह एक चेन तैयार होती है। चेन तैयार करते जाने पर पहले व्यक्ति को लगातार डायरेक्ट या इनडायरेक्ट बेनिफिट मिलते हैं। इस स्कीम में मनी-सर्कुलेशन यानी पैसे को घुमाया जाता है। इसमें नए जुड़े लोगो का पैसा पुराने लोगो को मिलता है। पिरामिड के नीचे वाले लोगों को अक्सर इसमें लॉस उठाना पड़ता है। पिरामिड स्कीम पर भारत समेत अधिकतर देशों में पाबंदी है। लेकिन, ये कंपनियां सीधे पैसों का सर्कुलेशन न कर अपने प्रोडक्ट के जरिए मनी सर्कुलेशन करती हैं।

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