किसी भी प्रभावी नियमन या प्रतिबंध के लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है- वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 18जुलाई। भारतीय रिजर्व बैंक ने सरकार से सिफारिश की है कि उसे क्रिप्टोकरेंसी के लिए सख्त नियम बनाने चाहिए और उन्हें प्रतिबंधित कर देना चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में इस बात की जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि सरकार का मानना ​​है कि किसी भी प्रभावी नियमन या प्रतिबंध के लिए वैश्विक सहयोग की आवश्यकता है।

वित्त मंत्री ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि आरबीआइ ने मौद्रिक और राजकोषीय स्थिरता पर क्रिप्टोकरेंसी के अस्थिर प्रभाव पर चिंता व्यक्त की है। आरबीआइ ने इस पर कानून बनाने की सिफारिश की है। आरबीआइ का विचार है कि क्रिप्टोकरेंसी को प्रतिबंधित किया जाना चाहिए। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आगे कहा कि क्रिप्टोकरेंसी की कोई सीमा नहीं है। इसकी अंतरराष्ट्रीय प्रकृति को देखते हुए कोई भी कानून बनाने से पहले अंतरराष्ट्रीय सहयोग की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि क्रिप्टो के खिलाफ कानून बनाने या उस पर प्रतिबंध लगाने का आदेश अंतरराष्ट्रीय सहयोग के बाद ही प्रभावी हो सकता है।

सीतारमण की टिप्पणी उन अटकलों के बीच आई है कि सरकार आज से शुरू हुए संसद के मानसून सत्र में क्रिप्टो क्षेत्र को विनियमित करने के लिए कानून पेश कर सकती है। हालांकि ऐसा कोई बिल पेश करने के लिए उसे सूचीबद्ध नहीं किया गया है। बिल से पहले सबकी निगाहें क्रिप्टो के लिए तैयार किए जा रहे सरकारी ड्राफ्ट पर टिकी है। माना जा रहा है कि आगे चलकर यही क्रिप्टो पर सरकार का रुख तय करेगा। सरकार ने मई के अंत में कहा था कि यह ड्राफ्ट लगभग तैयार है। हालांकि अभी भी इसका इंतजार किया जा रहा है। सरकार ने अब तक क्रिप्टो पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं। यहां तक ​​​​कि उनके वर्गीकरण पर भी भ्रम है। बात दें कि हाल के दिनों में सरकार ने क्रिप्टो के उपयोग से उत्पन्न समस्याओं से निपटने के लिए संयुक्त वैश्विक कार्रवाई का आह्वान किया है।

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