समग्र समाचार सेवा
गुवाहाटी, 20सितंबर।अब असम के प्राइवेट स्कूलों में फीस निर्धारण से संबंधित अधिनियम के प्रावधानों का पालन नहीं करने पर स्कूल प्रबंधन के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। दरअसल, सोमवार को असम विधानसभा ने एक संशोधन विधेयक पारित कर इसे मंजूरी दी है। संसोधन विधेयक में फीस के नियमों से संबंधित अधिनियम के प्रावधानों का पालन करने में फेल होने वाले निजी स्कूलों के लिए दंडात्मक उपायों को शामिल किया गया है।
इसके साथ ही सदन ने तीन अन्य विधेयकों को भी पारित किया। इन विधेयकों से राज्य में तीन विश्वविद्यालयों की स्थापना का मार्ग प्रशस्त हुआ है। असम विधानसभा में शिक्षा मंत्री रनोज पेगू ने सोमवार को असम गैर-सरकारी शैक्षणिक संस्थान (शुल्क का विनियमन) (संशोधन) विधेयक, 2022 पेश किया। उन्होंने कहा कि निजी स्कूलों द्वारा 2018 के मूल अधिनियम के प्रावधानों के साथ इसका पालन ना करने पर दंडात्मक प्रावधानों को शामिल करने के लिए इसे सदन में पेश किया गया है।
गौरतलब है कि संसोधन विधेयक में साफ किया गया है कि ऐसे निजी स्कूल जो 31 अक्टूबर तक नियामक समिति के सामने शैक्षिक सत्र के लिए स्कूल में लागू होने वाले फीस स्ट्रक्चर का विवरण नहीं देंगे, ऐसे निजी संस्थाओं पर ब्याज के साथ ही आर्थिक जुर्माना लगाया जाएगा। विधेयक में यह भी कहा गया है कि अगर कोई निजी संस्थान शैक्षणिक सत्र शुरू होने से पहले फीस स्ट्रक्चर का विवरण देने में विफल रहता है तो ऐसी स्थिति में नियामक समिति खुद ही ही फीस स्ट्रक्चर बनाएगी जो कि स्कूल को अनिवार्य रूप से लागू करना होगा। इस संशोधन विधेयक को सदन में ध्वनिमत से पारित कर दिया गया।
इसके अलावा विधानसभा में औनियाती विश्वविद्यालय विधेयक, 2022′ भी पारित किया गया। इसके तहत राज्य में एक शिक्षण और अनुसंधान विश्वविद्यालय की स्थापना की जाएगी। यह प्रस्तावित विश्वविद्यालय एक गैर-लाभकारी संस्था होगी जोकि शिक्षा को भारतीय परंपरा के साथ जोड़ेगी।
इस विधेयक के साथ ही असम निजी विश्वविद्यालय अधिनियम, 2007 के तहत सदन ने ‘गिरिजानंद चौधरी विश्वविद्यालय, असम विधेयक, 2022’ और ‘प्रागज्योतिषपुर विश्वविद्यालय विधेयक, 2022’ भी पारित किया।
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