बंगाल पुलिस एक्शन में: वक्फ अधिनियम विरोध पर हिंसा, 110 से अधिक गिरफ्तार, मुर्शिदाबाद में इंटरनेट बंद
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,17 अप्रैल। पश्चिम बंगाल के मुस्लिम बहुल मुर्शिदाबाद जिले में वक्फ (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ भड़के विरोध ने हिंसक रूप ले लिया है। प्रदर्शनकारियों द्वारा की गई आगजनी, सड़क जाम और पथराव की घटनाओं के बाद राज्य पुलिस ने कड़ा एक्शन लेते हुए 110 से ज्यादा लोगों को गिरफ्तार कर लिया है। सबसे अधिक गिरफ्तारी मुर्शिदाबाद जिले के सुती और समसेरगंज क्षेत्रों से की गई है, जहां तनाव की स्थिति बनी हुई है।
पुलिस के अनुसार, विरोध की शुरुआत मुर्शिदाबाद से हुई, लेकिन जल्द ही इसका दायरा बढ़कर मालदा, दक्षिण 24 परगना और हुगली जिलों तक पहुंच गया। कई स्थानों पर प्रदर्शनकारियों ने वाहनों में आग लगा दी, सड़कों को जाम कर दिया और पुलिस पर पथराव किया। स्थिति को काबू में लाने के लिए पुलिस ने हवाई फायरिंग की, जिसमें चार लोग घायल हो गए। उन्हें इलाज के लिए कोलकाता के अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जहां अब उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने जानकारी दी, “सुती से लगभग 70 और समसेरगंज से 41 लोगों को गिरफ्तार किया गया है। हिंसा प्रभावित इलाकों में धारा 144 लागू कर दी गई है, और इंटरनेट सेवाएं अस्थायी रूप से बंद कर दी गई हैं।” पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया कि अब किसी को भी एकत्र होने की अनुमति नहीं है और इलाके में लगातार गश्त की जा रही है।
उन्होंने आगे कहा, “हम किसी भी कीमत पर कानून व्यवस्था को बिगाड़ने की अनुमति नहीं देंगे। यह एक सुव्यवस्थित अभियान है और हिंसा में शामिल सभी लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई की जा रही है।”
इस घटना को लेकर राजनीतिक बयानबाज़ी भी तेज हो गई है। भाजपा नेता सुवेंदु अधिकारी ने ममता सरकार पर निशाना साधते हुए कहा, “यह कोई साधारण प्रदर्शन नहीं था, बल्कि एक पूर्व नियोजित जिहादी हमला था। इसका उद्देश्य समाज में डर और अस्थिरता फैलाना था।”
एक्स (पूर्व ट्विटर) पर पोस्ट करते हुए उन्होंने लिखा, “सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाया गया, सरकारी अधिकारियों को धमकाया गया, और पूरे राज्य में अराजकता फैलाने का प्रयास किया गया। ममता बनर्जी की सरकार इस पर चुप है—एक खतरनाक खामोशी।”
उन्होंने आगे कहा कि अगर राज्य सरकार हालात संभालने में असमर्थ है, तो उसे केंद्र सरकार से सहायता लेनी चाहिए। वहीं, तृणमूल कांग्रेस की ओर से इस पर कोई औपचारिक प्रतिक्रिया अब तक नहीं आई है।
बता दें कि वक्फ (संशोधन) अधिनियम को लेकर मुस्लिम समुदाय के कुछ वर्गों में नाराज़गी है। अधिनियम के तहत वक्फ संपत्तियों की निगरानी और प्रबंधन को लेकर राज्य सरकार की शक्तियों में संशोधन किया गया है, जिसे कुछ समूहों ने “धार्मिक हस्तक्षेप” के रूप में देखा है।
फिलहाल, स्थिति को नियंत्रण में बताया जा रहा है, लेकिन तनावपूर्ण माहौल अब भी बना हुआ है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती जारी है। सूत्रों के अनुसार, राज्य प्रशासन अब राज्यव्यापी सर्विलांस और संभावित “उत्तेजनात्मक तत्वों” की पहचान करने में जुटा है।
मुर्शिदाबाद के साथ-साथ अन्य जिलों में भी शांति बहाल करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन यह साफ है कि इस घटना ने राज्य की कानून-व्यवस्था और सामाजिक समरसता को एक बार फिर सवालों के घेरे में ला खड़ा किया है।
Comments are closed.