“केंद्र सरकार का बड़ा फैसला: मीडिया को सख्त आदेश — सेना की गतिविधियों का सीधा प्रसारण अब बैन!”

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,28 अप्रैल।
देश में पहली बार इतना बड़ा कदम — केंद्र सरकार ने मीडिया चैनलों को स्पष्ट और सख्त निर्देश जारी किए हैं कि वे सेना की गतिविधियों का सीधा प्रसारण अब नहीं कर सकेंगे। यह फैसला अचानक आया और पूरे मीडिया जगत में हलचल मचा दी।

सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने यह निर्देश देश की सुरक्षा और रणनीतिक अभियानों की गोपनीयता को बरकरार रखने के उद्देश्य से दिया है। हाल के दिनों में सीमावर्ती इलाकों में बढ़ती हलचल और आतंकी गतिविधियों के बीच सरकार बेहद सतर्क हो गई है। अफसरों का मानना है कि लाइव कवरेज से न केवल ऑपरेशन्स की संवेदनशीलता पर असर पड़ता है, बल्कि दुश्मन ताकतों को भी जरूरी सूचनाएं मिल सकती हैं।

निर्देश आते ही बड़े-बड़े मीडिया हाउसों में हलचल शुरू हो गई। कई प्रमुख चैनल्स ने तुरंत आंतरिक मीटिंग्स बुलाकर अपने कवरेज प्लान में बदलाव करना शुरू कर दिया। कुछ संपादकों ने ऑफ रिकॉर्ड बातचीत में इस आदेश को ‘जरूरी लेकिन मीडिया की स्वतंत्रता पर सवाल उठाने वाला कदम’ बताया, वहीं कुछ ने इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिहाज से “पूर्णतः उचित” ठहराया।

विशेषज्ञों का कहना है कि आधुनिक युद्ध और आतंकवाद की रणनीतियों में मीडिया का दुरुपयोग एक बड़ा खतरा बन चुका है। लाइव प्रसारण से दुश्मन एजेंसियां सेना की मूवमेंट, स्ट्रेटजी और रेस्पॉन्स टाइम का आकलन कर सकती हैं, जिससे ऑपरेशनों की सफलता पर संकट मंडरा सकता है।

सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने मीडिया को चेतावनी भी दी है कि अगर कोई चैनल इस आदेश का उल्लंघन करता पाया गया, तो उस पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी — जिसमें भारी जुर्माना, लाइसेंस निलंबन तक शामिल हो सकता है।

अब मीडिया को सेना से जुड़ी खबरें जारी करने से पहले सरकारी मंजूरी लेनी होगी। केवल पहले से रिकॉर्डेड और जांची-परखी फुटेज ही सार्वजनिक की जा सकेगी। लाइव कवरेज, चाहे वह किसी ऑपरेशन का हो या किसी सेना के मूवमेंट का — पूरी तरह प्रतिबंधित रहेगा।

जैसे-जैसे देश वैश्विक मंच पर अपनी सैन्य ताकत बढ़ा रहा है, वैसे-वैसे सुरक्षा से जुड़े मसलों पर चौकसी बढ़ाना लाजमी हो गया है। सरकार का यह कदम एक सख्त लेकिन सही दिशा में उठाया गया कदम माना जा रहा है, जिससे हमारी सेनाओं को बिना किसी बाहरी दबाव के अपने मिशन को अंजाम देने की पूरी स्वतंत्रता मिलेगी।

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