“सिंधु जल संधि तोड़ना युद्ध की घोषणा होगी!” — भारत से बढ़ते तनाव के बीच पाकिस्तान की चेतावनी, सीमा पर हालात बेहद गंभीर
इस्लामाबाद/नई दिल्ली — भारत और पाकिस्तान के बीच रिश्तों में एक बार फिर आग लग चुकी है। पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत द्वारा लिए गए कड़े फैसलों ने पाकिस्तान को झकझोर दिया है। अब पाकिस्तान ने खुले शब्दों में धमकी दी है कि “अगर भारत ने सिंधु जल संधि से छेड़छाड़ की, तो उसे युद्ध की कार्यवाही माना जाएगा।”
गुरुवार को पाकिस्तान की राष्ट्रीय सुरक्षा समिति (NSC) की आपात बैठक में यह बड़ा ऐलान किया गया। बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान में कहा गया,
“सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को मिलने वाले जल प्रवाह को रोकने या मोड़ने का कोई भी प्रयास सीधे तौर पर युद्ध की कार्रवाई माना जाएगा, और उसका जवाब पूरे राष्ट्रीय शक्ति के साथ दिया जाएगा।”
1960 में विश्व बैंक की मध्यस्थता में हुई सिंधु जल संधि को अब तक दोनों देशों ने पालन किया था, लेकिन पहलगाम हमले के बाद भारत की तरफ से इस पर पुनर्विचार की खबरों ने इस संधि को भू-राजनीतिक बम बना दिया है। पाकिस्तान, जो पहले से ही पानी की किल्लत झेल रहा है, इसे अस्तित्व के संकट के रूप में देख रहा है।
पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ एक के बाद एक कड़े फैसले लिए हैं:
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सभी भारतीय वीजा तत्काल प्रभाव से रद्द, यहां तक कि SAARC वीजा छूट योजना भी निलंबित।
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48 घंटे के भीतर सभी भारतीय नागरिकों को देश छोड़ने का आदेश, सिख तीर्थयात्रियों को छोड़कर।
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वाघा बॉर्डर को पूरी तरह सील कर दिया गया है।
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भारतीय विमान अब पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में प्रवेश नहीं कर सकेंगे।
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भारत-पाक व्यापार पर पूरी तरह से रोक, चाहे वह तीसरे देश के रास्ते हो या सीधे।
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भारतीय उच्चायोग में कर्मचारियों की संख्या घटाकर 30 कर दी गई।
पाकिस्तान ने यह भी ऐलान किया कि वह भारत के साथ सभी द्विपक्षीय समझौतों को “अस्थायी रूप से स्थगित” कर रहा है — जिसमें 1972 का शिमला समझौता भी शामिल है, जो वर्तमान लाइन ऑफ कंट्रोल (LoC) का आधार है। इसका मतलब यह है कि सीमा पर स्थिति कभी भी नियंत्रण से बाहर हो सकती है।
अपने बयान के अंत में पाकिस्तान ने कहा,
“हमारी सशस्त्र सेनाएं पूरी तरह से तैयार हैं। देश की संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और गरिमा की रक्षा के लिए हम किसी भी हद तक जा सकते हैं।”
अब तक भारत सरकार की तरफ से सिंधु जल संधि या शिमला समझौते को लेकर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। लेकिन यह स्पष्ट है कि भारत अब “आतंक के खिलाफ जीरो टॉलरेंस” नीति पर काम कर रहा है।
हालिया घटनाक्रमों ने यह साफ कर दिया है कि भारत-पाक संबंधों में एक नया मोड़ आ गया है। सिंधु जल को लेकर छिड़ा यह विवाद सिर्फ कागजों की लड़ाई नहीं, बल्कि जल, जमीन और जान की जंग बन चुका है।
दुनिया भर की निगाहें अब दिल्ली और इस्लामाबाद पर टिकी हैं — क्या बात बनेगी या बारूद की बौछार होगी?
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