हैदराबाद में सांप्रदायिक हिंसा: मुस्लिम लड़की से बात करने पर साई चरण का अपहरण, बेरहमी से पिटाई, 9 पर FIR

समग्र समाचार सेवा
हैदराबाद,27 मार्च।
तेलंगाना की राजधानी हैदराबाद में एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है, जहां साई चरण नामक युवक को एक इस्लामी गैंग ने कथित तौर पर अगवा कर घंटों तक पीटा। आरोप है कि यह हमला इसलिए किया गया क्योंकि वह एक मुस्लिम लड़की से बातचीत कर रहा था। पुलिस ने इस मामले में अजीम शेख, मुज्जू, इरशाद समेत 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच जारी है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, यह घटना शहर के एक इलाके में तब हुई जब साई चरण अपनी दोस्त से बातचीत कर रहा था। तभी कुछ लोगों ने उसे जबरन पकड़ लिया और अगवा कर लिया। आरोपियों ने उसे एक सुनसान जगह पर ले जाकर घंटों तक बुरी तरह पीटा और धमकी दी कि वह मुस्लिम लड़की से बात न करे।

पीड़ित को इस दौरान मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया गया। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने जातिगत और सांप्रदायिक टिप्पणियां भी कीं और यह सुनिश्चित करने की कोशिश की कि साई चरण दोबारा लड़की से संपर्क न करे।

घटना के बाद साई चरण किसी तरह छूटकर पुलिस के पास पहुंचा और अपनी शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने तत्काल कार्रवाई करते हुए अजीम शेख, मुज्जू, इरशाद समेत 9 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर ली है और जांच शुरू कर दी है।

हालांकि, इस मामले को लेकर इलाके में तनाव का माहौल है, और पुलिस ने शांति व्यवस्था बनाए रखने के लिए अतिरिक्त बल तैनात किया है।

इस घटना ने समाज में बढ़ती असहिष्णुता और धार्मिक ध्रुवीकरण को उजागर किया है। यह सिर्फ एक व्यक्ति पर हमला नहीं, बल्कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता और सामाजिक ताने-बाने पर भी एक गंभीर हमला है।

विपक्षी दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस घटना की निंदा करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। कई नेताओं ने इसे ‘लव जिहाद’ के उलट एक गंभीर अपराध बताया और प्रशासन से निष्पक्ष जांच की अपील की।

पुलिस ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए विशेष टीम गठित की है। अधिकारियों का कहना है कि कानून के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी और दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा।

इस घटना ने समाज में धार्मिक सहिष्णुता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। क्या धर्म के आधार पर प्रेम या मित्रता को अपराध माना जाएगा? यह एक बड़ा सवाल है जिस पर विचार करने की जरूरत है। फिलहाल, पुलिस की जांच पूरी होने और आरोपियों पर कानूनी कार्रवाई के बाद ही मामले की सच्चाई पूरी तरह सामने आ पाएगी।

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