भारत की GDP 2025 तक जापान और 2027 तक जर्मनी से आगे निकलने की राह पर: IMF

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,27 मार्च।
अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) की हालिया रिपोर्ट के अनुसार, भारत की अर्थव्यवस्था आने वाले वर्षों में तेज़ी से आगे बढ़ने वाली है। IMF का अनुमान है कि भारत 2025 तक जापान को और 2027 तक जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। यह आर्थिक प्रगति भारत के बढ़ते वैश्विक प्रभाव और मजबूत नीतिगत सुधारों को दर्शाती है।

IMF के अनुसार, भारत की सकल घरेलू उत्पाद (GDP) में लगातार मजबूती देखने को मिल रही है। तेज़ विकास दर, स्थिर नीतियां और वैश्विक निवेश प्रवाह भारत को इस मुकाम तक पहुंचाने में मदद कर रहे हैं।

  • 2025 तक जापान से आगे: IMF का अनुमान है कि भारत 2025 तक जापान को पछाड़कर दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन सकता है।

  • 2027 तक जर्मनी से आगे: भारत 2027 तक जर्मनी को भी पीछे छोड़ देगा, जिससे यह अमेरिका और चीन के बाद दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

  • तेज़ विकास दर: भारत की GDP वृद्धि दर अन्य प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं की तुलना में अधिक तेज़ी से बढ़ रही है। IMF के मुताबिक, भारत की आर्थिक वृद्धि दर 6% से अधिक बनी रह सकती है, जबकि जापान और जर्मनी की अर्थव्यवस्थाएं अपेक्षाकृत धीमी गति से बढ़ रही हैं।

भारत की इस तेज़ प्रगति के पीछे कई कारक काम कर रहे हैं:

  1. मजबूत नीति सुधार: सरकार द्वारा डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, विनिर्माण और स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदम आर्थिक विकास को गति दे रहे हैं।

  2. वैश्विक निवेश और व्यापार: भारत विदेशी निवेशकों के लिए एक आकर्षक गंतव्य बना हुआ है। मेक इन इंडिया, PLI स्कीम और निर्यात बढ़ाने की रणनीतियों से अर्थव्यवस्था को बल मिल रहा है।

  3. डिजिटल और तकनीकी विकास: भारत का डिजिटल इंडिया अभियान और तकनीकी नवाचार देश की अर्थव्यवस्था को नई ऊंचाइयों तक ले जा रहे हैं।

  4. मजबूत उपभोक्ता मांग: भारत की विशाल जनसंख्या और बढ़ती मध्यवर्गीय आय से घरेलू खपत और मांग में बढ़ोतरी हो रही है।

भारत का यह उभरता आर्थिक परिदृश्य वैश्विक अर्थव्यवस्था में एक महत्वपूर्ण बदलाव ला सकता है। जापान और जर्मनी जैसी विकसित अर्थव्यवस्थाओं से आगे निकलने से भारत की अंतरराष्ट्रीय साख बढ़ेगी और इसका वैश्विक निर्णय लेने की प्रक्रिया में अधिक प्रभाव होगा।

हालांकि, इस विकास यात्रा में कुछ चुनौतियां भी बनी हुई हैं:

  • रोज़गार सृजन: बढ़ती आबादी के लिए पर्याप्त रोजगार के अवसर पैदा करना एक महत्वपूर्ण मुद्दा है।

  • महंगाई और मुद्रास्फीति: बढ़ती महंगाई और वैश्विक आर्थिक अनिश्चितताओं का असर भारतीय अर्थव्यवस्था पर पड़ सकता है।

  • भू-राजनीतिक चुनौतियां: अंतरराष्ट्रीय व्यापार और निवेश पर भू-राजनीतिक तनाव का प्रभाव भारत के आर्थिक विकास को प्रभावित कर सकता है।

अर्थशास्त्रियों का मानना है कि अगर भारत इसी गति से अपनी आर्थिक नीतियों को लागू करता रहा और निवेश बढ़ाने के उपाय करता रहा, तो आने वाले वर्षों में यह एक आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभर सकता है।

“भारत की विकास दर और नीतिगत स्थिरता इसे एक मजबूत वैश्विक खिलाड़ी बना रही है। अगर इस रफ्तार को बनाए रखा गया, तो भारत निकट भविष्य में विश्व अर्थव्यवस्था में एक अहम भूमिका निभाएगा,” एक प्रमुख अर्थशास्त्री ने कहा।

IMF की यह भविष्यवाणी भारत के लिए एक उत्साहजनक संकेत है, लेकिन इसे वास्तविकता में बदलने के लिए निरंतर सुधार और निवेश की आवश्यकता होगी। यदि भारत इन चुनौतियों से पार पाकर अपनी आर्थिक नीति को और मजबूत करता है, तो आने वाले वर्षों में यह दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था के रूप में अपनी स्थिति को पुख्ता कर सकता है।

Comments are closed.