कांग्रेस नेत्री सरला मिश्रा की मौत की 28 साल बाद दोबारा होगी जांच, फूलन देवी से लिया था चर्चित इंटरव्यू
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,19 अप्रैल। करीब तीन दशक पहले रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई कांग्रेस नेत्री और पत्रकार सरला मिश्रा की मौत का मामला एक बार फिर सुर्खियों में है। अब इस केस की दोबारा जांच की जाएगी। यह फैसला तब आया जब कुछ नए तथ्य और पुराने सवाल एक बार फिर सतह पर आए हैं। सरला मिश्रा न सिर्फ कांग्रेस की सक्रिय नेता थीं, बल्कि एक साहसी पत्रकार के रूप में भी उनकी पहचान थी। उन्होंने उस दौर की चर्चित और विवादास्पद शख्सियत फूलन देवी का इंटरव्यू लिया था, जो आज भी पत्रकारिता की अहम दस्तावेजी मिसाल माना जाता है।
सरला मिश्रा की छवि एक निर्भीक महिला की थी, जिसने पत्रकारिता से राजनीति तक का सफर बड़ी मजबूती से तय किया। पत्रकार रहते हुए उन्होंने कई संवेदनशील मुद्दों को उठाया और उन्हीं दिनों उन्होंने फूलन देवी का इंटरव्यू किया था, जो उस समय जेल से रिहा होने के बाद सुर्खियों में थीं। यह इंटरव्यू न सिर्फ चर्चित हुआ, बल्कि सरला मिश्रा को एक बेबाक पत्रकार के रूप में स्थापित भी किया।
1997 में सरला मिश्रा की मौत को आत्महत्या बताया गया था। लेकिन उस समय भी कई सवाल खड़े हुए थे—क्या ये सच में आत्महत्या थी या इसे आत्महत्या का रूप देकर कुछ छुपाया गया? उनकी मौत के बाद उनके परिजनों और कुछ सहयोगियों ने लगातार निष्पक्ष जांच की मांग की थी। हालांकि, समय के साथ मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
हाल ही में कुछ पुराने दस्तावेज और निजी डायरी के अंश सामने आए हैं, जिससे संकेत मिलता है कि सरला मिश्रा किसी राजनीतिक साजिश का शिकार हो सकती थीं। इसके अलावा, उस दौर की कुछ अनसुलझी घटनाएं और फूलन देवी के साथ उनके संबंधों को भी इस नई जांच के संदर्भ में देखा जा रहा है।
सरला मिश्रा के परिवार ने सालों से इस केस की दोबारा जांच की मांग की थी। अब आखिरकार संबंधित एजेंसियों ने इस पर संज्ञान लिया है और केस को फिर से खोला गया है। यह जांच न सिर्फ न्याय की दिशा में एक कदम है, बल्कि उन सभी सवालों का जवाब भी तलाशेगी जो पिछले 28 वर्षों से अनुत्तरित हैं।
इस मामले के दोबारा खुलने से राजनीतिक गलियारों में भी हलचल है। विपक्ष ने इसे लंबे समय से दबाए गए सच को सामने लाने का अवसर बताया है, वहीं सत्ता पक्ष अभी इस पर चुप्पी साधे हुए है।
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