समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 30अक्टूबर।
राष्ट्रीय किसान विकास महासंघ के राष्ट्रीय कार्यालय में आज बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीयअध्यक्ष श्री आलोकसतीश श्रीवास्तव जी ने कहा कि बेबश किसानो की पुकार सुनने वाला कोई भी नहीं है। जबकी सारे संसार का भोजन किसानों के अथक परिश्रम एवं खून पसीने की कमाई से ही मिलता है। सिर्फ कहने के लिये किसानों को अन्नदाता के नाम से पुकारा जाता है, लेकिन मजबूर किसानो की आवाज को हर सरकारें दबाती आयी हैं।
जब भारतीय जनता पार्टी की सरकार आयी तो मोदी जी ने कहा- “सबका साथ-सबका विकास” तो किसानों को लगा कि शायद इस सब में वो भी हैं।
पीएम मोदी के साथ-2 तमाम दिग्गज नेताओं ने कहा कि किसानों की आय दोगुनी कर दी जाएगी तो किसानों को लगा कि कोई मसीहा आ गया है जो अन्नदाताओं को उनका सम्मान और प्रतिफल दिलाएगा।
लेकिन हर चुनावी वादे की तरह ये वादे भी ज़मीन पर नहीं उतरे। “सबका साथ सबका विकास” में किसानों को शामिल नहीं किया गया।
आज किसानों को उनके अथक परिश्रम से उगाए गए धान की फसल का रद्दी के बराबर मूल्य मिल रहा है, जो सरकार ने निर्धारित किया है वो सिर्फ फाइलों तक ही सीमित है, धरातल पे कुछ और ही हकीकत है।
मैं राष्ट्रीय किसान विकास महासंघ के इस मंच से पूछना चाहूंगा कि क्या सरकार का ये दायित्व नही है कि इसकी जाँच करवाये और हर ब्लॉक मे सरकारी सेंटर स्थापित करे, फसलों की खरीद फरोख्त हेतु। जिससे किसानों को उनकी फसल का निर्धारित मूल्य मिल सके।
ऐसे में अब जरूरत है कुछ कड़ा फैसला लेने की हम आप सभी किसान बन्धु, समाजसेवी एवं पत्रकार बंधुओ के माध्यम से निवेदन करते हैं कि किसानो के हित में आवाज उठाने की कृपा करें।
इस अवसर पर संस्था के संरक्षक श्री बजरंग बहादुर लाल श्रीवास्तव जी, इं• कैलाश नाथ जायसवाल जी, धर्मेंद्र भारती जी, इं• राघवेंद्र प्रताप सिंह जी आदि उपस्थित रहे।
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