किसानों का दिल्ली कूच आज: शंभू बॉर्डर से ‘मरजीवड़े’ एक बजे होंगे रवाना, हरियाणा सरकार अलर्ट

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,6 दिसंबर।
किसान आंदोलन एक बार फिर चर्चा में है, क्योंकि किसान आज दिल्ली कूच करने की तैयारी में हैं। पंजाब और हरियाणा के हजारों किसान शंभू बॉर्डर पर जुटे हैं और तय कार्यक्रम के मुताबिक, वे दोपहर 1 बजे दिल्ली की ओर रवाना होंगे। इस दौरान ‘मरजीवड़े’ (आंदोलन में अपनी जान की बाजी लगाने को तैयार किसान) की मुख्य भूमिका रहने की उम्मीद है।

हरियाणा सरकार ने इस स्थिति को गंभीरता से लेते हुए सुरक्षा इंतजाम कड़े कर दिए हैं। बॉर्डर क्षेत्रों में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है और हर गतिविधि पर पैनी नजर रखी जा रही है।

क्यों हो रहा है किसानों का प्रदर्शन?

किसानों का यह प्रदर्शन कई प्रमुख मांगों को लेकर किया जा रहा है, जिनमें शामिल हैं:

  1. एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) की गारंटी कानून: किसान एमएसपी पर गारंटी कानून की मांग कर रहे हैं, ताकि फसलों का उचित मूल्य सुनिश्चित हो सके।
  2. कर्ज माफी: किसानों का कर्ज माफ करने की मांग लगातार उठाई जा रही है।
  3. कृषि कानूनों का प्रभाव: हालांकि तीन विवादास्पद कृषि कानून वापस ले लिए गए हैं, लेकिन किसान आंदोलनकारी अन्य मुद्दों पर भी सरकार से स्पष्टता चाहते हैं।
  4. बिजली संशोधन बिल: किसानों का कहना है कि यह बिल उनके हितों के खिलाफ है।

शंभू बॉर्डर पर माहौल

शंभू बॉर्डर पर किसानों का जमावड़ा बढ़ता जा रहा है। ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में सवार किसान प्रदर्शन के लिए पूरी तैयारी के साथ पहुंचे हैं।

  • किसान संगठनों के नेता लगातार भाषण देकर आंदोलनकारियों को संबोधित कर रहे हैं।
  • लंगर और तंबू की व्यवस्था भी की गई है, जिससे यह स्पष्ट है कि किसान लंबे संघर्ष के लिए तैयार हैं।
  • युवा, महिलाएं और बुजुर्ग किसान बड़ी संख्या में शामिल हैं, जो उनके आंदोलन की मजबूती को दर्शाता है।

हरियाणा सरकार की तैयारी

हरियाणा सरकार ने आंदोलन को देखते हुए सतर्कता बढ़ा दी है।

  1. सुरक्षा बल तैनात: दिल्ली और हरियाणा की सीमा पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है।
  2. बैरिकेडिंग: बॉर्डर पर बैरिकेडिंग की गई है, ताकि किसानों को दिल्ली में प्रवेश करने से रोका जा सके।
  3. इंटरनेट सेवा पर नजर: प्रदर्शन के दौरान किसी भी अफवाह को फैलने से रोकने के लिए इंटरनेट सेवाओं पर भी नजर रखी जा रही है।
  4. ट्रैफिक व्यवस्था: आंदोलन के कारण दिल्ली-हरियाणा मार्गों पर ट्रैफिक जाम की संभावना को देखते हुए वैकल्पिक मार्ग तैयार किए गए हैं।

‘मरजीवड़े’ की भूमिका

‘मरजीवड़े’ शब्द उन किसानों के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है, जो आंदोलन में किसी भी स्थिति का सामना करने के लिए तैयार हैं। यह आंदोलन की गंभीरता और किसानों के समर्पण को दर्शाता है। किसान नेता बार-बार अपने आंदोलनकारियों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन की अपील कर रहे हैं, लेकिन उनका रुख साफ है कि अगर सरकार उनकी मांगें नहीं मानती, तो आंदोलन और उग्र होगा।

दिल्ली पर दबाव

दिल्ली में भी इस प्रदर्शन को लेकर सतर्कता बढ़ा दी गई है। केंद्र सरकार पर दबाव है कि वह किसानों से बातचीत कर समस्या का हल निकाले। हालांकि, सरकार का कहना है कि वह किसानों की समस्याओं को समझने और समाधान निकालने के लिए तैयार है।

निष्कर्ष

किसानों का दिल्ली कूच एक बार फिर देश के राजनीतिक और सामाजिक माहौल को गरमा सकता है। किसानों की मांगें और उनकी तैयारी इस बात की ओर इशारा करती हैं कि यह आंदोलन सरकार के लिए एक बड़ी चुनौती बन सकता है।

सभी की नजर अब इस बात पर है कि क्या सरकार और किसान संगठनों के बीच कोई समाधान निकलेगा, या यह आंदोलन और लंबा खिंचेगा।

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