किसानों तक बाजार लाने के लिए तकनीक का उपयोग करें: सिंधिया
केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि प्रौद्योगिकी का उद्देश्य जमीनी स्तर तक पहुंचना होना चाहिए, ताकि किसान सशक्त हो सकें।
- केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने “टेक फॉर सेवा” शिखर सम्मेलन में किसानों के लिए तकनीक के उपयोग पर जोर दिया।
- उन्होंने कहा कि बाजार को किसानों तक लाना चाहिए, न कि किसानों को बाजार के पीछे भागना पड़े।
- सिंधिया ने मध्यप्रदेश के एग्री-टेक स्टार्टअप्स की सराहना की, जो किसानों को नई दिशा दे रहे हैं।
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 15 सितंबर, 2025: केंद्रीय संचार एवं उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने हाल ही में विज्ञाना भारती द्वारा आयोजित आईआईटीएम टेक समिट “टेक फॉर सेवा” में अपने संबोधन में एक महत्वपूर्ण संदेश दिया। उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी का उपयोग केवल नवाचार तक सीमित नहीं रहना चाहिए, बल्कि इसका प्राथमिक उद्देश्य जमीनी स्तर तक पहुंचना और किसानों को सशक्त बनाना होना चाहिए। सिंधिया ने इस बात पर विशेष जोर दिया कि यह सुनिश्चित करना हमारी जिम्मेदारी है कि अनुसंधान और नवाचार का लाभ देश के हर किसान तक पहुँचे।
श्री सिंधिया ने कहा कि भारत की असली प्रगति किसानों की भलाई से ही मापी जा सकती है। उन्होंने इस बात को रेखांकित किया कि हमें ऐसी तकनीक विकसित करने की आवश्यकता है, जो बाजार को किसानों तक लाए, न कि किसानों को बाजार तक जाने के लिए मजबूर करे। यह एक क्रांतिकारी विचार है जो पारंपरिक कृषि विपणन प्रणाली को पूरी तरह से बदल सकता है। उन्होंने सुझाव दिया कि डिजिटल उपकरणों और अभिनव मॉडलों का उपयोग करके किसानों को सीधे खरीदारों से जोड़ा जा सकता है। उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र चांदेरी का उदाहरण दिया, जहाँ किसान डिजिटल प्लेटफॉर्म का उपयोग करके अपनी हस्तनिर्मित साड़ियों और अन्य उत्पादों को सीधे ग्राहकों तक पहुंचा रहे हैं। यह मॉडल कृषि क्षेत्र में भी लागू किया जा सकता है।
एग्री-टेक स्टार्टअप्स से आत्मनिर्भर भारत की ओर
केंद्रीय मंत्री ने मध्य प्रदेश के एग्री-टेक स्टार्टअप्स जैसे ग्रामोफोन और एसओयूएल सोसाइटी की सराहना की। उन्होंने कहा कि ये स्टार्टअप किसानों को आधुनिक कृषि तकनीक, मौसम की जानकारी और बाजार के रुझानों के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी प्रदान कर रहे हैं। इन प्रयासों से किसान अपनी फसलों का बेहतर प्रबंधन कर पा रहे हैं और अपनी उपज का सही मूल्य प्राप्त कर रहे हैं। सिंधिया ने कहा कि ऐसे नवाचार “आत्मनिर्भर भारत” के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं।
उन्होंने वैज्ञानिकों और स्टार्टअप्स से आग्रह किया कि वे अपने शोध को समाज की वास्तविक जरूरतों के साथ जोड़ें। उन्होंने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी का असली उद्देश्य मानवीय समस्याओं का समाधान करना है। सिंधिया ने विश्वास व्यक्त किया कि वैज्ञानिकों, उद्यमियों और सरकार के संयुक्त प्रयास कृषि और ग्रामीण विकास के लिए नए मार्ग प्रशस्त करेंगे। उन्होंने जोर देकर कहा कि कृषि में नवाचार ही भविष्य है और यह न केवल किसानों की आय बढ़ाएगा, बल्कि भारतीय अर्थव्यवस्था को भी मजबूत करेगा।
इस प्रकार, श्री सिंधिया का यह संबोधन केवल एक भाषण नहीं, बल्कि एक कार्य योजना है, जो प्रौद्योगिकी को सामाजिक परिवर्तन के एक शक्तिशाली उपकरण के रूप में देखती है। उनका यह विचार किसानों को बिचौलियों के चंगुल से मुक्त करके उन्हें सीधे बाजार से जोड़ने का मार्ग प्रशस्त करता है, जिससे उनकी मेहनत का पूरा लाभ उन्हें मिल सके। यह एक ऐसा कदम है जो भारत के कृषि क्षेत्र में एक नई क्रांति ला सकता है।
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