लखनऊ 29 अप्रैल, 2025: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले पर टिप्पणी करने के चलते लखनऊ विश्वविद्यालय की असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. माद्री काकोटी, जिन्हें सोशल मीडिया पर डॉ. मेडुसा के नाम से जाना जाता है, के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। भारतीय जनता पार्टी से जुड़े छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने विश्वविद्यालय परिसर में धरना देते हुए उनके विरुद्ध कार्रवाई की मांग की थी, जिसके बाद हसनगंज थाने में मुकदमा दर्ज हुआ। एफआईआर में भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धाराओं 197(1), 152, 302, 352, 353(2), 196(1)(a) और आईटी अधिनियम की धाराएं शामिल की गई हैं।
डॉ. काकोटी पर आरोप है कि उन्होंने पहलगाम हमले के संदर्भ में सोशल मीडिया पर एक टिप्पणी की, जिसे आपत्तिजनक बताया जा रहा है। उन्होंने कहा था, “धर्म पूछकर गोली मारना आतंकवाद है, पर धर्म पूछकर लिंच करना, नौकरी से निकालना या मकान न देना भी आतंकवाद है।”
विवाद बढ़ने के बाद लखनऊ विश्वविद्यालय प्रशासन ने भी उन्हें कारण बताओ नोटिस जारी किया है और पांच दिनों के भीतर स्पष्टीकरण माँगा है। अपने बचाव में डॉ. काकोटी ने मीडिया से कहा कि उनकी बात का गलत अर्थ निकाला गया है और उनके वीडियो में कोई आपत्तिजनक बात नहीं है।
एसीपी महानगर, नेहा त्रिपाठी के अनुसार, मामले की गहन जांच चल रही है और जांच के बाद उचित नोटिस दिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इससे पहले गायिका नेहा सिंह राठौर के खिलाफ भी पहलगाम हमले को लेकर सोशल मीडिया टिप्पणी पर लखनऊ में एफआईआर दर्ज हो चुकी है।
पहलगाम में हुए नृशंस आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है, लेकिन दुर्भाग्यवश अपने ही देश के कुछ लोग इस समय भी ऐसे संवेदनशील मुद्दों पर अप्रत्यक्ष रूप से आतंकवाद को तर्क या बहाने के माध्यम से जायज़ ठहराने की कोशिश कर रहे हैं। यह अत्यंत चिंताजनक है कि जब पूरा देश एकजुटता और दृढ़ता की आवश्यकता महसूस कर रहा है, तब कुछ आवाज़ें शहीदों की पीड़ा की उपेक्षा कर, समाज को और अधिक विभाजित करने का प्रयास कर रही हैं। ऐसे विचारों की सार्वजनिक रूप से निंदा होनी चाहिए और देश को हर हाल में आतंकवाद के विरुद्ध एकजुट रहना चाहिए।
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