गांधी जयंती: रामपुर में नवाब रजा अली ने चांदी के कलश में दफन की थीं गांधी जी की अस्थियां, यहीं बनी समाधि
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली ,19 अगस्त। महात्मा गांधी से जुड़ी रामपुर में कई यादें हैं। उनमें सबसे प्रमुख उनकी समाधि है। यहां महात्मा गांधी की अस्थियां दफन हैं। रामपुर के आखिरी नवाब रजा अली खां ने अपनी हाथों से गांधी जी की अस्थियों को चांदी के कलश में दफन किया था। उसके बाद यहीं समाधि बनाई गई। सपा सरकार में तत्कालीन नगर विकास मंत्री आजम खां ने गांधी समाधि का सुंदरीकरण कराया था। इस खबर में हम आपको बताएंगे कैसे गांधी जी की अस्थियां रामपुर आईं थी और यहां समाधि का निर्माण हुआ।
नवाब खानदान से गांधी जी के थे अच्छे संबंध
महात्मा गांधी स्वतंत्रता आंदोलन के दौरान दो बार रामपुर आए। एक बार जब गांधी जी मौलाना मुहम्मद अली जौहर के साथ रामपुर आए थे तब उनकी मुलाकात तत्कालीन नवाब हामिद अली खां से हुई थी। तब से ही गांधी जी के नवाब खानदान से बेहद अच्छे रिश्ते बन गए थे। जब गांधी जी की हत्या हुई थी तब भले ही देश आजाद हो गया था लेकिन, रामपुर में नवाबों का ही शासन था। गांधी जी की हत्या पर रामपुर में तीन दिन का राजकीय शोक मनाया गया था।
गांधी जी की मृत्यु के समय रामपुर में था नवाबों का शासन
दरअसल, रामपुर को देश की आजादी के दो साल बाद 30 जून 1949 को आजादी मिली थी। जब गांधी जी की हत्या हुई उस समय रामपुर के शासक नवाब रजा अली खां थे। नवाब गांधी जी की अस्थियां रामपुर भी लाना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने अपने मुख्यमंत्री कर्नल वशीर हुसैन जैदी और दरबारी पंडितों को दिल्ली भेजा था। हालांंकि, दिल्ली में उन्हें अस्थियां देने से इंकार कर दिया गया। कहा गया कि एक मुसलमान को हिंदू की अस्थियां नहीं दी जा सकतीं।
नवाब रजा अली ने कोसी नदी में भी विसर्जित की थीं अस्थियां
इसके बाद जब रामपुर नवाब के पंडितों ने अपने तर्क रखे तो उन्हें अस्थियां दे दी गईं। दिल्ली से अष्ट धातु के कलश में अस्थियां लाने के बाद उन्हें रजा इंटर कालेज के मैदान में जनता दर्शन के लिए रखा गया था। जहां बड़ी संख्या में लोगों ने पहुंचकर श्रद्धांजलि अर्पित की थी। इसके बाद नवाब रजा अली खां ने कुछ अस्थियां कोसी नदी में विसर्जित कीं थीं। बाद में अन्य अस्थियां नवाब ने एक चांंदी के कलश में रखकर स्वयं अपने हाथों से दफन कीं। जिसके बाद यहां समाधि का निर्माण कराया गया।
आजम खां ने गांधी समाधि स्थल को बनवाया भव्य
अखिलेश यादव सरकार में जब आजम खां नगर विकास मंत्री थे तब उन्होंने गांधी समाधि स्थल को भव्य बनवाया था। करीब 22 करोड़ की लागत से गांधी समाधि स्थल बनवाया गया। इसके आसपास चार करोड़ की लागत से इंडिया गेट की दो खूबसूरत गेट बने हैं। गांधी समाधि स्थल के परिसर में फाउंटेन बने हैं। यहां बड़ी संख्या में लोग देखने आते हैं और इसकी खूबसूरती को निहारते रहते हैं। यहां हर साल गांधी जयंती के मौके पर कार्यक्रम होते हैं।
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