पंजाब में आप के तूफान में उड़े कैप्टन अमरिंदर व सुखबीर बादल सरीखे दिग्गज

 समग्र समाचार सेवा

चंडीगढ़, 10 मार्च। दिल्ली की सरहद के बाहर आम आदमी पार्टी ने पंजाब में भी अपना परचम लहरा दिया है। आप पंजाब में न सिर्फ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, बल्कि बहुमत के आंकड़े से भी बहुत आगे निकलती नजर आ रही है। अब भगवंत मान का सीएम बनना लगभग तय हो गया है। आप के इस तूफान में पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह 13 हजार तो सुखबीर सिंह बादल 12 हजार वोट से चुनाव हार गए हैं।

चन्नी और सिद्दू भी नहीं कर पाए कमाल

मौजूदा सीएम चन्नी और कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू भी कोई कमाल नहीं दिखा पाए हैं। दिलचस्प बात यह है कि दूसरे नंबर के लिए कांग्रेस और अकाली दल में टक्कर है, लेकिन दोनों पार्टियां मिलकर भी आप के चौथाई हिस्से तक भी पहुंचती नजर नहीं आ रही हैं। वहीं, भाजपा दहाई का अंक छूने के लिए भी तरस गई है।

पंजाब से जुड़ी ताजा जानकारी

–    आम आदमी पार्टी के सीएम कैंडिडेट भगवंत मान थोड़ी देर बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करेंगे

–    कपूरथला सीट से कैबिनेट मंत्री और कांग्रेस कैंडिडेट राणा गुरजीत सिंह चुनाव जीत गए हैं

–    सीएम चरणजीत सिंह चन्नी भदौड़ और चमकौर साहिब सीट से पीछे चल रहे हैं

–    अमृतसर ईस्ट सीट से पंजाब कांग्रेस के प्रधान नवजोत सिंह सिद्धू पिछड़कर तीसरे नंबर पर पहुंच गए हैं

–    गिद्दड़बाहा से अकाली उम्मीदवार हरदीप डिंपी ढिल्लो जीते, ट्रांसपोर्ट मंत्री अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग को 2 हजार वोटों से हाराया।

केजरीवाल ने आप की जीत पर बधाई दी

आम आदमी पार्टी के प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने पार्टी के सीएम कैंडिडेट भगवंत मान के साथ फोटो ट्वीट की। इसमें उन्होंने आप की जीत को इंकलाबी बताया है।

नेताओं के घरों पर भी हार-जीत का असर

चुनावी हार-जीत का अंदाजा नेताओं के घरों को देखकर भी लगाया जा सकता है। पंजाब जीतने वाले भगवंत मान के घर को फूलों से सजाया गया है। उनके घर सुबह से जलेबियां भी बन रही थीं। दूसरी तरफ मौजूदा सीएम चरणजीत चन्नी और अकाली लीडर सुखबीर सिंह बादल के घर सन्नाटा पसरा है। तस्वीरों में देखकर आप खुद समझ सकते हैं कि नेताजी के घर पर जीत की रौनक और हार की मायूसी कैसे रिफ्लेक्ट होती है।

एग्जिट पोल में भी आप को सबसे बड़ी पार्टी बताया था

एग्जिट पोल्स में आम आदमी पार्टी के सबसे बड़ी पार्टी बनने का अनुमान लगाया गया था। इसके मुताबिक अकाली दल-बीएसपी गठबंधन दूसरे नंबर पर रह सकता है। तीसरे पर कांग्रेस तो वहीं भाजपा का दहाई के आंकड़े तक पहुंचना भी मुश्किल लग रहा है। अभी तक के रुझानों में यह सही साबित हो रहा है।

पंजाब की राजनीति से जुड़ी दिलचस्प बातें

पंजाब ज्यादातर समय कांग्रेस का गढ़ रहा

2017 के विधानसभा चुनावों में, कांग्रेस पार्टी का वोट शेयर 66 फीसदी था। ये कांग्रेस का दूसरा बड़ा वोट शेयर था। 1992 के चुनावों में कांग्रेस का वोट शेयर 74 फीसदी था। राज्य के 22 मुख्यमंत्रियों में से 14 मुख्यमंत्री कांग्रेस पार्टी के रहे हैं।

दलित वोट की अहम भूमिका

भारत की अनुसूचित जाति (एससी) की आबादी का पंजाब में अनुपात (31.9 फीसदी) सबसे ज्यादा है। हालांकि, जाट सिख (जनसंख्या का 20 फीसदी) यहां की राजनीति पर हावी है। चरणजीत सिंह चन्नी राज्य के पहले दलित मुख्यमंत्री हैं। ज्ञानी जैल सिंह पंजाब के अंतिम गैर-जाट सिख मुख्यमंत्री (1972-77) थे।

मालवा जीतने वाला आम तौर पर पंजाब जीतता है

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