मार्च में सोने के आयात में 192% की जबरदस्त बढ़ोतरी, बढ़ा व्यापार घाटा

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,19 अप्रैल।
भारत में मार्च 2025 के दौरान सोने के आयात में 192.13% की तेज़ बढ़ोतरी दर्ज की गई है। वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, मार्च में सोने का आयात $4.47 अरब तक पहुंच गया, जबकि पिछले वर्ष इसी अवधि में यह आंकड़ा मात्र $1.53 अरब था। इस बेतहाशा वृद्धि के पीछे अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमतों में भारी उछाल एक प्रमुख कारण माना जा रहा है।

वित्त वर्ष 2024-25 के दौरान भारत का कुल सोना आयात $58 अरब तक पहुंच गया, जो पिछले वित्त वर्ष ($45.54 अरब) की तुलना में 27.27% अधिक है। यह दर्शाता है कि भारतीय बाजार में सोने की मांग अब भी बेहद मजबूत बनी हुई है, विशेषकर आभूषण क्षेत्र में।

दिल्ली सर्राफा बाजार में 17 अप्रैल को सोने की कीमत ₹70 की बढ़त के साथ ₹98,170 प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई, जो अब तक का सर्वाधिक स्तर है। कीमतों में यह तेजी न केवल निवेशकों की रुचि को दर्शाती है, बल्कि आम उपभोक्ताओं के लिए भी चिंता का विषय बनती जा रही है।

जहां सोने के आयात में बेतहाशा वृद्धि देखी गई, वहीं चांदी के आयात में भारी गिरावट दर्ज की गई। मार्च 2025 में चांदी का आयात 85.4% गिरकर $119.3 मिलियन रह गया। पूरे वित्त वर्ष की बात करें तो चांदी का कुल आयात 11.24% की गिरावट के साथ $4.82 अरब रहा।

सोने के आयात में उछाल का सीधा असर भारत के व्यापार घाटे पर पड़ा है। मार्च 2025 में व्यापार घाटा $21.54 अरब तक पहुंच गया। इससे पहले पूरे वित्त वर्ष 2023-24 में भारत का व्यापार घाटा रिकॉर्ड $282.82 अरब पर था।

भारत के सोने के आयात में स्विट्ज़रलैंड शीर्ष स्थान पर रहा, जहां से लगभग 40% सोना आयात किया गया। इसके बाद संयुक्त अरब अमीरात (UAE) से 16% और दक्षिण अफ्रीका से लगभग 10% आयात हुआ।

हालांकि मूल्य में तेजी के बावजूद, आयात की मात्रा में गिरावट देखी गई है। वित्त वर्ष 2024-25 में सोने का आयात मात्रा के लिहाज से 757.15 टन रहा, जो पिछले वर्ष 795.32 टन था।

भारत दुनिया में चीन के बाद दूसरा सबसे बड़ा सोने का उपभोक्ता है। देश में आयातित सोने का बड़ा हिस्सा आभूषण निर्माण में खपत होता है, जो भारतीय परंपरा और अर्थव्यवस्था दोनों का अभिन्न हिस्सा है।

 मार्च में सोने के आयात में आई तेज़ बढ़ोतरी भारत की आयात नीति, व्यापार संतुलन और मुद्रा विनिमय दर पर गंभीर असर डाल सकती है। बढ़ते दाम और व्यापार घाटे के बीच सरकार को सोने की खपत और आयात पर संतुलन बनाने की चुनौती का सामना करना पड़ सकता है।

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