सरकार ने स्पष्ट किया है कि केंद्रीय सूक्ष्म,लघु और मध्यम उद्योग मंत्रालय का एम एस एम ई निर्यात संवर्धन परिषद से कोई संबंध नहीं है और इसकी गतिविधियां अनधिकृत तथा द्वेषपूर्ण है। शनिवार को जारी एक विज्ञप्ति के अनुसार मंत्रालय ने एमएसएमई निर्यात संवर्धन परिषद की अनधिकृत और द्वेषपूर्ण गतिविधियों के बारे में व्यापक रूप से आम जनता को सतर्क किया है। मंत्रालय के एक हिस्से के रूप में खुद को पेश करने वाले इस संगठन की दुर्भावनापूर्ण गतिविधियों को काफी गंभीरता से लिया गया है।
मंत्रालय ने अपने नाम पर इस संगठन द्वारा नियुक्ति पत्र जारी करने में अपनी किसी भी भूमिका या अधिकार-पत्र देने से साफ इनकार किया है। मंत्रालय ने कहा कि यह पाया गया है कि एमएसएमई निर्यात संवर्धन परिषद द्वारा ‘निदेशक’ के पद के लिए नियुक्ति पत्र जारी करने के संबंध में कुछ संदेश मीडिया और सोशल मीडिया में प्रसारित किए जा रहे हैं। यह भी पाया गया है कि यह संगठन एमएसएमई मंत्रालय के नाम का दरूपयोग कर रहा है। विज्ञप्ति के अनुसार मंत्रालय का किसी भी तरह से एमएसएमई निर्यात संवर्धन परिषद से संबद्ध नहीं है। इसके साथ, ही मंत्रालय ने इस परिषद से संबंधित किसी भी पद पर नियुक्ति या किसी भी पोस्टिंग को अधिकृत नहीं किया है। आम जनता को इस बारे में सूचित किया जाता है और इसके साथ ही इस तरह के संदेशों या ऐसे गलत तत्वों के बहकावे में न आने की सलाह दी जाती है।
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