सरकार ने चंद्रयान-3 मिशन की उल्लेखनीय सफलता का उत्सव मनाने के लिए 23 अगस्त को “राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस” घोषित किया

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 12अगस्त। सरकार ने चंद्रयान-3 मिशन की उल्लेखनीय सफलता का उत्सव मनाने के लिए 23 अगस्त को “राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस” घोषित किया है। इसी दिन विक्रम लैंडर की सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग हुई थी, और प्रज्ञान रोवर को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास तैनात किया गया था। यह ऐतिहासिक उपलब्धि भारत को अंतरिक्ष में विजय पताका फहराने वाले देशों के विशिष्ट समूह में शामिल करती है, जिससे भारत चंद्रमा पर उतरने वाला चौथा देश और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास पहुंचने वाला पहला देश बन गया है।

इस उल्लेखनीय सफलता का महोत्सव जुलाई और अगस्त 2024 के दौरान पूरे देश में मनाया जा रहा है, जिसका उद्देश्य अंतरिक्ष विज्ञान और प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में युवा पीढ़ी को प्रेरित करना और उनकी भागीदारी को बढ़ावा देना है।

केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी तथा पंचायती राज मंत्री श्री गिरिराज सिंह, कृषि भवन, नई दिल्ली में आयोजित “राष्ट्रीय अंतरिक्ष दिवस समारोह” में शामिल होंगे। इस अवसर पर कई अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहेंगे।

चंद्रयान-3 मिशन की सफलता के उपलक्ष्य में मत्स्य पालन विभाग तटीय राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में “मत्स्य पालन क्षेत्र में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों के अनुप्रयोग” पर सेमिनार और प्रदर्शनों की श्रृंखला आयोजित कर रहा है, जो मत्स्य पालन में अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के महत्वपूर्ण योगदान पर केंद्रित हैं।

भारतीय मत्स्य पालन क्षेत्र राष्ट्र की अर्थव्यवस्था में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है, और अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियां इस क्षेत्र में सुधार के लिए महत्वपूर्ण साबित हो रही हैं। सैटेलाइट रिमोट सेंसिंग, पृथ्वी अवलोकन, और नेविगेशन सिस्टम जैसी तकनीकें इस क्षेत्र में परिवर्तनकारी बदलाव ला रही हैं, जिससे मछुआरों को बेहतर पकड़ का पता लगाने और कुशलतापूर्वक मछली पकड़ने में सहायता मिल रही है।

इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रमों ने भारत की अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी के बढ़ते प्रभाव और महत्व को रेखांकित किया, और यह सुनिश्चित किया कि भारत की वैज्ञानिक और तकनीकी उपलब्धियाँ आने वाले वर्षों में और भी उन्नत और समृद्ध होंगी।

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