स्वस्थ नागरिक, एक स्वस्थ समाज का निर्माण करते हैं और स्वस्थ समाज से एक स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होता है: डॉ. मनसुख मांडविया
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 17अप्रैल। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. मनसुख मांडविया ने 16अप्रैल को एक वीडियो कॉन्फ्रेंस (वीसी) के जरिए आयुष्मान भारत- स्वास्थ्य और कल्याण केंद्रों (एबी-एचडब्ल्यूसी) की चौथी वर्षगांठ समारोह की अध्यक्षता की। इस कार्यक्रम में 1 लाख से अधिक एबी-एचडब्ल्यूसी, राज्यों के स्वास्थ्य मंत्री, सभी राज्यों व केंद्रशासित प्रदेशों के वरिष्ठ अधिकारियों, विभिन्न अस्पतालों के स्वास्थ्यकर्मियों और विकास साझेदारों ने हिस्सा लिया।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने टेली-परामर्श के डिजिटल मंच के माध्यम से प्रदान की जा रही स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने पर जोर दिया। उन्होंने कहा, “स्वास्थ्य, विकास के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। माननीय प्रधानमंत्री के दूरदर्शी नेतृत्व में हम स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में “सांकेतिक समाधान से समग्र समाधान” की ओर बढ़ गए हैं और टेली- परामर्श सेवाएं इसका एक उदाहरण हैं। प्रधानमंत्री की परिकल्पना के अनुरूप ई-संजीवनी सस्ती और सुलभ स्वास्थ्य देखभाल सेवा प्रदान कर रही है। कई राज्यों में लोग ई-संजीवनी के लाभों को जानने लगे हैं और इससे स्वास्थ्य सेवाओं की मांग के इस डिजिटल तरीके को व्यापक रूप में तेजी से अपनाने की एक उत्साहजनक प्रवृत्ति सामने आई है। रोगी स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करने के लिए इस अभिनव डिजिटल माध्यम का उपयोग करके दैनिक आधार पर डॉक्टरों और विशेषज्ञों से परामर्श करते हैं। आज कुछ एचडब्ल्यूसी कुछ गंभीर रोगों जैसे कि मुंह का कैंसर, स्तन कैंसर और सर्वाइकल (गर्दन संबंधी) कैंसर के लिए स्क्रीनिंग सेवाएं भी प्रदान कर रहे हैं। इससे रोग का न केवल शीघ्र पता लगाने में सहायता मिलती है, बल्कि रोगी को जल्द इलाज भी उपलब्ध होता है। स्वस्थ नागरिक ही स्वस्थ समाज का निर्माण कर सकते हैं और स्वस्थ समाज से ही स्वस्थ राष्ट्र का निर्माण होता है। एबी-एचडब्ल्यूसी इस सोच की ओर बढ़ते हुए कदम हैं।”
केंद्रीय मंत्री ने साथ ही कहा, “सुदूर क्षेत्रों के लोगों के लिए टेली-परामर्श सेवाएं काफी महत्वपूर्ण हैं और ये सभी के लिए स्वास्थ्य सेवाओं को सुलभ बनाने में सहायक हैं। राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को सभी हितधारकों को अलग-अलग क्षेत्रों में सेवाएं प्रदान करने और उन्हें प्रभावी ढंग से केंद्र से जोड़ने के लिए एकजुट होना चाहिए।” केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने राज्यों/केंद्रशासित प्रदेशों को एबी-एचडब्ल्यूसी स्वास्थ्य मेलों के बारे में तत्काल और सक्रिय रूप से जागरूकता उत्पन्न करने की सलाह दी। यह सभी एचडब्ल्यूसी में 17 अप्रैल को आयोजित होने वाले योग सत्रों के अलावा 18 से 22 अप्रैल तक आजादी का अमृत महोत्सव (एकेएएम) के तहत आयोजित किया जाएगा, जिससे नागरिक इन स्वास्थ्य मेलों में सक्रिय रूप से हिस्सा ले सकें और अपने क्षेत्रों में प्रदान की जा रही एचडब्ल्यूसी सेवाओं के बारे में जागरूक हो सकें। उन्होंने राज्यों को इस स्वास्थ्य मेले के दौरान टीबी, सर्वाइकल कैंसर, मधुमेह और मुंह के कैंसर की व्यापक जांच करने की सलाह दी। इसके अलावा मंत्री ने सभी को इस स्वास्थ्य मेले में सक्रिय रूप से हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित किया और इसका आह्वाहन किया।
इस कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने चार पुस्तिकाओं का भी विमोचन किया। इनमें एबी-एचडब्ल्यूसी पर त्रैमासिक रिपोर्ट, स्वास्थ्य के लिए मानव संसाधन पर दिशानिर्देश, कार्यान्वयन के लिए सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रबंधन संवर्ग (कैडर) का मार्गदर्शन और भारतीय सार्वजनिक स्वास्थ्य मानक दिशानिर्देश हैं।
वहीं, केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री डॉ. भारती प्रवीण पवार ने इस बात पर अपनी प्रसन्नता व्यक्त की कि आज पूरे देश में 1,17,440 से अधिक एचडब्ल्यूसी सक्रिय रूप से विस्तारित स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, जिससे किसी व्यक्ति के स्वास्थ्य केंद्र तक पहुंचने तक का समय 30 मिनट तक कम हो गया है। उन्होंने आगे कहा, “आज हमारे लिए यह बहुत गर्व की बात है कि हमारे माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी के दिखाए गए मार्ग पर चलते हुए आज देशवासियों को बिना किसी आर्थिक बोझ के सभी जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं उनके घरों के पास आसानी से उपलब्ध कराई जा रही हैं। चाहे गर्भवती माताएं हों, नवजात शिशु हों, हमारे किशोर हों, या सम्मानित वृद्धजन, सभी स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र में स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं। केवल इतना ही नहीं, दिव्यांगों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र के बुनियादी ढांचे को भी डिजाइन किया गया है, जिससे दिव्यांग मरीज भी प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं तक पहुंच सकें। ये स्वास्थ्य केंद्र समुदाय के स्वास्थ्य हित में स्वास्थ्य सुविधाओं का वितरण सुनिश्चित कर रहे हैं और राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति- 2017 की प्रतिबद्धताओं को पूरा कर रहे हैं।”
भारत सरकार ने सार्वभौमिक स्वास्थ्य कवरेज को बजटीय प्रतिबद्धता के अधीन प्राप्त करने के लिए राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति-2017 के प्रयोजन को जमीन पर उतारते हुए फरवरी 2018 में 1,50,000 आयुष्मान भारत- स्वास्थ्य और कल्याण केंद्र (एबी-एचडब्ल्यूसी) की स्थापना की घोषणा की थी।
ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में मौजूदा उप-स्वास्थ्य केंद्रों व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों को सभी नागरिकों को नि:शुल्क और घर के नजदीक व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल प्रदान करने के लिए रूपांतरित किया जा रहा है। एबी-एचडब्ल्यूसी चयनात्मक से व्यापक प्राथमिक स्वास्थ्य देखभाल की ओर एक प्रमुख बदलाव है। इसमें प्रोत्साहन देने वाला, निवारक, उपचारात्मक, पुनर्वास व आराम देने वाली सेवा, रोग केंद्रित स्वास्थ्य से लेकर कल्याण केंद्र व संपूर्ण समाज दृष्टिकोण तक, ‘सभी के लिए स्वास्थ्य’ के पूरक के रूप में नए अंतरराष्ट्रीय ‘सभी को स्वास्थ्य’ दृष्टिकोण के अनुरूप अंतर-क्षेत्रीय समन्वय को संस्थागत बनाने को शामिल किया गया है।
Comments are closed.