हाईकोर्ट ने आपदा फंड पर केरल सरकार को फटकारा, जावड़ेकर बोले- एक्सपोज हुए एलडीएफ-यूडीएफ

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,11 दिसंबर।
केरल सरकार को आपदा प्रबंधन फंड के उपयोग में लापरवाही को लेकर हाईकोर्ट से कड़ी फटकार मिली है। अदालत ने राज्य सरकार से पूछा है कि आपदा राहत के नाम पर आवंटित धन का उपयोग आखिर सही तरीके से क्यों नहीं हो रहा है। यह मामला राजनीतिक गर्मागर्मी का कारण बन गया है, जिसमें विपक्षी दलों ने भी सरकार पर निशाना साधा है।

क्या है मामला?

केरल हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से पूछा कि आपदा राहत के लिए केंद्र से मिले फंड का उपयोग सही तरीके से क्यों नहीं किया गया। अदालत ने यह भी सवाल उठाया कि इस धन का इस्तेमाल जरूरतमंदों की मदद के बजाय अन्य कार्यों के लिए क्यों किया जा रहा है।

जावड़ेकर का बयान

भाजपा के वरिष्ठ नेता प्रकाश जावड़ेकर ने इस मुद्दे पर कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि केरल में एलडीएफ और यूडीएफ दोनों ही सरकारें भ्रष्टाचार में लिप्त रही हैं। जावड़ेकर ने आरोप लगाया कि यह मामला साबित करता है कि दोनों गठबंधन जनता की भलाई के बजाय अपनी राजनीति चमकाने में व्यस्त हैं। उन्होंने कहा, “हाईकोर्ट के इस निर्णय ने एलडीएफ और यूडीएफ को पूरी तरह से एक्सपोज कर दिया है।”

राजनीतिक बयानबाजी तेज

इस मुद्दे को लेकर केरल की राजनीति में उथल-पुथल मच गई है। भाजपा ने राज्य सरकार पर हमला तेज कर दिया है, जबकि एलडीएफ और यूडीएफ ने एक-दूसरे पर दोषारोपण शुरू कर दिया है।
कांग्रेस नेता ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि आपदा फंड के दुरुपयोग का सीधा नुकसान राज्य के गरीब और जरूरतमंद लोगों को हो रहा है। वहीं, एलडीएफ ने इसे भाजपा की साजिश करार दिया और कहा कि केंद्र सरकार राज्य को बदनाम करने की कोशिश कर रही है।

हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी

हाईकोर्ट ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा है कि अगर जल्द ही आपदा फंड का सही उपयोग सुनिश्चित नहीं किया गया, तो इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। अदालत ने सरकार से इस मामले में एक विस्तृत रिपोर्ट भी पेश करने को कहा है।

जनता का गुस्सा

इस मामले ने केरल की जनता को भी नाराज कर दिया है। लोगों का कहना है कि आपदा फंड का उपयोग सही तरीके से नहीं होना, सरकार की नाकामी को दर्शाता है।

क्या होगा आगे?

केरल सरकार के लिए यह मामला मुश्किलें खड़ा कर सकता है। हाईकोर्ट की सख्ती के बाद सरकार पर जवाबदेही बढ़ गई है। अब देखना होगा कि सरकार इस मामले में क्या कदम उठाती है और विपक्ष इसे आगामी चुनावों में कैसे भुनाता है।

आपदा राहत फंड का दुरुपयोग केवल एक कानूनी मामला नहीं है, बल्कि यह उस नैतिक जिम्मेदारी का भी सवाल उठाता है, जो एक सरकार को जनता के प्रति होनी चाहिए।

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