समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5अगस्त। भारत ने रविवार रात बांग्लादेश में रह रहे अपने नागरिकों के लिए एक गंभीर एडवाइजरी जारी की है, जिसमें उन्हें पड़ोसी देश में चल रही हिंसा के कारण अत्यधिक सावधानी बरतने और अपनी गतिविधियों को सीमित करने की सलाह दी गई है। भारत ने अपने नागरिकों को अगली सूचना तक बांग्लादेश की यात्रा न करने की भी सलाह दी है।
बांग्लादेश में हिंसा की ताजा लहर
ढाका से मिली रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश के विभिन्न हिस्सों में रविवार को सुरक्षा बलों और सरकार विरोधी प्रदर्शनकारियों के बीच भीषण झड़पें हुईं। इस संघर्ष में 14 पुलिसकर्मियों समेत कम से कम 90 लोग मारे गए हैं। प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे हैं।
एडवाइजरी में क्या कहा गया?
भारत के विदेश मंत्रालय (MEA) ने अपनी एडवाइजरी में कहा, “वर्तमान घटनाक्रम के मद्देनजर, भारतीय नागरिकों को अगली सूचना तक बांग्लादेश की यात्रा न करने की दृढ़ता से सलाह दी जाती है। बांग्लादेश में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने, अपनी गतिविधियों को प्रतिबंधित करने और ढाका में भारतीय उच्चायोग के संपर्क में रहने की सलाह दी जाती है।”
हिंसा के बीच भारत लौटे कई छात्र
बांग्लादेश में विवादास्पद नौकरी कोटा योजना के खिलाफ छात्रों का विरोध प्रदर्शन पिछले महीने शुरू हुआ था। यह विरोध अब एक सरकार विरोधी आंदोलन में बदल गया है। विदेश मंत्रालय ने 25 जुलाई को बताया था कि लगभग 6,700 भारतीय छात्र बांग्लादेश की स्थिति को देखते हुए लौट चुके हैं।
संयुक्त राष्ट्र की प्रतिक्रिया
संयुक्त राष्ट्र के मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने रविवार को कहा कि बांग्लादेश में ‘चौंकाने वाली हिंसा’ समाप्त होनी चाहिए। उन्होंने सरकार से शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों को निशाना बनाना बंद करने की अपील की है। प्रधानमंत्री शेख हसीना के इस्तीफे की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों की सरकारी समर्थकों के साथ झड़पें हुईं, जिसमें कई लोग मारे गए। यह प्रदर्शन शुरू होने के बाद से अब तक का सबसे घातक दिन माना जा रहा है।
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