समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,7 अगस्त। भारत सरकार मानव तस्करी, विशेष रूप से महिलाओं और बच्चों की तस्करी, की रोकथाम और उससे निपटने को अत्यधिक महत्व देती है। सरकार ने इस अपराध के लिए सख्त कानून बनाए हैं ताकि समाज में इस प्रकार के अपराधों पर अंकुश लगाया जा सके।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 के प्रावधान
भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस), 2023 की धारा 143 में मानव तस्करी के किसी भी अपराध के लिए कठोर दंड का प्रावधान है। वहीं, बीएनएस की धारा 144(1) में तस्करी किए गए बच्चों के यौन शोषण के अपराध के लिए विशेष दंड का प्रावधान है। ऐसे अपराधों के लिए सजा पांच साल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है।
भारतीय न्याय संहिता, 2023 में अन्य बातों के साथ-साथ महिलाओं और बच्चों के खिलाफ अपराधों से निपटने के लिए विशेष प्रावधान भी किए गए हैं। विशेष रूप से, बीएनएस की धारा 95 से 99 बच्चों के खिलाफ अपराधों का वर्णन करती है और अपराधियों के लिए कठोर दंड का प्रावधान करती है। इन धाराओं में किसी बच्चे को अपराध करने के लिए काम पर रखने, अवैध रूप से धन प्राप्ति के लिए रखने, वेश्यावृत्ति के लिए बच्चे को बेचने/खरीदने जैसे अपराधों से निपटने के प्रावधान हैं। इन अपराधों के लिए सजा तीन साल से लेकर चौदह साल तक हो सकती है।
भीख मांगने और अपहरण पर सख्त सजा
बीएनएस की धारा 139 में भीख मांगने के उद्देश्य से बच्चे का अपहरण करने या उसे अपंग बनाने के खिलाफ सजा का प्रावधान है। इसके साथ ही, बीएनएस की धारा 141 में अवैध यौन शोषण आदि के लिए किसी लड़की या लड़के को विदेश से लाने पर सजा का प्रावधान है। इन अपराधों के लिए सजा दस साल से लेकर आजीवन कारावास तक हो सकती है।
सरकार की सख्त नीति
गृह राज्यमंत्री बंदी संजय कुमार ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में इस जानकारी को साझा किया। उन्होंने कहा कि सरकार मानव तस्करी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपना रही है और इस दिशा में लगातार प्रयासरत है।
भारत सरकार ने मानव तस्करी के खिलाफ इस तरह के कड़े प्रावधानों के माध्यम से यह स्पष्ट संदेश दिया है कि इस अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और अपराधियों को कानून के कठोर प्रावधानों के तहत दंडित किया जाएगा।
सरकार की योजनाएं और पहल
सरकार द्वारा उठाए गए कदमों में महिलाओं और बच्चों के लिए विशेष सुरक्षा योजनाएं शामिल हैं। इसके अलावा, सरकार ने कई जागरूकता अभियानों और कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में इस समस्या के प्रति जागरूकता बढ़ाने का भी प्रयास किया है।
इस दिशा में, विभिन्न राज्य सरकारों और गैर-सरकारी संगठनों के साथ मिलकर काम किया जा रहा है ताकि समाज के हर वर्ग को इस समस्या के प्रति संवेदनशील बनाया जा सके और उन्हें इसके समाधान में सक्रिय भागीदार बनाया जा सके।
इस प्रकार के कठोर कानून और प्रावधान यह सुनिश्चित करने में मदद करेंगे कि मानव तस्करी के अपराधियों को दंडित किया जाए और महिलाओं व बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जाए। सरकार का यह कदम निश्चित रूप से समाज को सुरक्षित और अपराधमुक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।
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