भारत की स्थापित परमाणु ऊर्जा क्षमता 2031-32 तक तीन गुनी हो जाएगी: केंद्रीय मंत्री डा. जितेन्द्र सिंह
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 26जुलाई। केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी, पृथ्वी विज्ञान, पीएमओ, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, और कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन, डा. जितेन्द्र सिंह ने शुक्रवार को राज्य सभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में जानकारी दी कि भारत की स्थापित परमाणु ऊर्जा क्षमता 2031-32 तक तीन गुना बढ़ जाएगी। वर्तमान में यह क्षमता 8,180 मेगावाट है, जो बढ़कर 22,480 मेगावाट तक पहुंच जाएगी।
2070 तक नेट जीरो लक्ष्य
डा. जितेन्द्र सिंह ने 2070 तक नेट जीरो लक्ष्य को प्राप्त करने के संदर्भ में भारत के ऊर्जा क्षेत्र में किए जा रहे परिवर्तनों पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि विभिन्न अध्ययनों में 2047 तक एक लाख मेगावाट की राष्ट्रीय परमाणु क्षमता की आवश्यकता की संभावना जताई गई है, और इन सिफारिशों को भविष्य में अपनाए जाने की संभावना के साथ देखा जा रहा है।
परमाणु ऊर्जा क्षमता में वृद्धि
परमाणु ऊर्जा विभाग में केंद्रीय राज्य मंत्री ने बताया कि पिछले 10 वर्षों के दौरान भारत की परमाणु ऊर्जा क्षमता में 70 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। 2013-14 में यह क्षमता 4,780 मेगावाट थी, जो वर्तमान में 8,180 मेगावाट पर पहुंच गई है। इसके अलावा, परमाणु ऊर्जा संयंत्रों से वार्षिक विद्युत उत्पादन 2013-14 में 34,228 मिलियन यूनिट से बढ़कर 2023-24 में 47,971 मिलियन यूनिट तक पहुंच गया है।
परमाणु रिएक्टरों की स्थिति
डा. सिंह ने बताया कि देश में वर्तमान में 24 परमाणु ऊर्जा रिएक्टरों की कुल स्थापित क्षमता 8,180 मेगावाट है। भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) द्वारा कुल 15,300 मेगावाट क्षमता के 21 परमाणु रिएक्टर विभिन्न चरणों में हैं। इसके अतिरिक्त, भारतीय नाभकीय विद्युत निगम लिमिटेड (भाविनी) द्वारा प्रोटोटाइप फास्ट ब्रीडर रिएक्टर (पीएफबीआर) सहित कुल 7,300 मेगावाट क्षमता के नौ रिएक्टर निर्माणाधीन हैं और 8,000 मेगावाट क्षमता के 12 रिएक्टर परियोजना-पूर्व गतिविधियों के तहत हैं।
डा. जितेन्द्र सिंह ने भविष्य में भारत की परमाणु ऊर्जा क्षमता के विस्तार को लेकर आशावादी दृष्टिकोण व्यक्त किया और इसे देश की ऊर्जा सुरक्षा और सतत विकास के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया।
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