ईरान का इजरायल पर मिसाइल हमला, अस्पताल और रिहायशी इलाकों को बनाया निशाना

समग्र समाचार सेवा
तेहरान/यरुशलम,  19 जून: ईरान और इजरायल के बीच तनाव अब पूरी तरह युद्ध में तब्दील होता दिख रहा है। गुरुवार को ईरान ने इजरायल के दक्षिणी इलाके बीर शेबा स्थित एक बड़े अस्पताल और आसपास के रिहायशी इलाकों पर बैलिस्टिक मिसाइलों से हमला कर दिया। यह हमला इजरायल द्वारा ईरान के अराक भारी जल रिएक्टर पर कथित हमले के जवाब में किया गया है।

ईरान के सरकारी टेलीविजन ने इस हमले की पुष्टि करते हुए कहा कि यह जवाबी कार्रवाई थी। इजरायल के विदेश मंत्रालय ने एक आधिकारिक बयान में जानकारी दी कि बीर शेबा के सोरोका मेडिकल सेंटर को मिसाइल से निशाना बनाया गया, जिससे अस्पताल को गंभीर नुकसान हुआ है।

सोरोका मेडिकल सेंटर पर सीधा हमला, सेवाएं ठप

सोरोका मेडिकल सेंटर इजरायल के दक्षिणी क्षेत्र का सबसे बड़ा अस्पताल है, जहां 1,000 से अधिक बेड हैं और यह लगभग 10 लाख नागरिकों को सेवाएं देता है। अस्पताल के प्रवक्ता ने बताया कि मिसाइल हमले से कई हिस्सों में “काफी नुकसान” हुआ है और कुछ लोग घायल भी हुए हैं। अस्पताल ने आम नागरिकों से अपील की है कि वे इलाज के लिए वहां न आएं, क्योंकि अब यह स्थान असुरक्षित हो चुका है।

स्थानीय प्रशासन और राहत एजेंसियों के अनुसार, अब तक यह स्पष्ट नहीं है कि कितने लोग घायल हुए हैं, लेकिन आपातकालीन सेवाएं सक्रिय रूप से काम कर रही हैं। अस्पताल में चिकित्सा सेवाएं पूरी तरह बाधित हो चुकी हैं और गंभीर घायलों को अन्य चिकित्सा केंद्रों में स्थानांतरित किया जा रहा है।

रिहायशी इलाकों में भी तबाही, अपार्टमेंट इमारतें क्षतिग्रस्त

बीर्शेबा शहर में सिर्फ अस्पताल ही नहीं, बल्कि आसपास के कई अपार्टमेंट कॉम्प्लेक्स भी हमले की चपेट में आए हैं। अग्निशमन विभाग के अधिकारियों ने बताया कि कई आवासीय इमारतों में विस्फोट से गंभीर नुकसान हुआ है। मलबा हटाने और लोगों को सुरक्षित निकालने का काम युद्धस्तर पर जारी है। अब तक किसी मौत की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन हालात बेहद चिंताजनक हैं।

इजरायल की चेतावनी और प्रतिक्रिया

इजरायल ने इस हमले से पहले ही क्षेत्रीय निवासियों को संभावित जवाबी हमले की चेतावनी दे दी थी और लोगों से सुरक्षित स्थानों पर जाने को कहा था। इजरायली रक्षा बलों ने कहा है कि देश की सुरक्षा के लिए हर जरूरी कदम उठाया जाएगा और जवाबी कार्रवाई की योजना तैयार है।

मौजूदा हालात ने पश्चिम एशिया में एक गंभीर मानवीय और सामरिक संकट की स्थिति पैदा कर दी है, जहां दोनों पक्ष अब सीधी टकराव की दिशा में बढ़ते दिखाई दे रहे हैं।

 

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