समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 19अक्टूबर। इंडियन पासपोर्ट पर कुछ देशों में वीजा ऑन अराइवल की सुविधा भी उपलब्ध है. लेकिन, क्या आपको पता है कि भारत में ही 3 तरह के पासपोर्ट होते हैं. इनके बिना आप विदेश नहीं जा सकते है. इन तीनों का अलग-अलग महत्व है. विदेश जाने के अलावा यह महत्वपूर्ण आईडी/अड्रेस प्रूफ के लिए इस्तेमाल होते. आईए जानते है रंगों के आधार पर इंडियन पासपोर्ट के महत्व
नीला रंग का पासपोर्ट: भारत ने आम नागरिकों के लिए नीला रंग के पासपोर्ट बनाया है। जो ऑफिशियल और डिप्लोमैट्स में अंतर रखता है। इससे कस्टम अधिकारियों या विदेश में पासपोर्ट चेक करने वालों को भी आइडेंटिफिकेशन में आसानी होती है.
नीला रंग के पासपोर्ट में नाम, बर्थडेट, बर्थप्लेस, फोटो, सिग्नेचर और उससे जुड़ी कुछ और जानकारियां मौजूद होती हैं जिससे शख्स की पहचान की पहचान की जाती है। जब एक शख्स को पासपोर्ट जारी कर दिया जाता है तो वो शख्स उस पर दूसरे देश का वीजा लगवाकर यात्रा कर सकता है।
सफेद: ऑफिशल. सरकारी कामकाज से विदेश जाने वालों के लिए इस्तेमाल किया जाता है। सफेद रंग का पासपोर्ट गर्वनमेंट ऑफिशियल को रिप्रजेंट करता है। वह शख्स जो सरकारी कामकाज से विदेश यात्रा जाता है उस यह पासपोर्ट जारी किया जाता है। यह ऑफिशियल आइडेंटिटी के लिए होता है। कस्टम चेकिंग के समय उन्हें वैसे ही डील किया जाता है.
इस सफेद पासपोर्ट के आवेदक को पासपोर्ट पाने के लिए एक अलग से ऐप्लीकेशन देनी पड़ती है जिसमें बताना होता है कि आखिर उसको इस तरह के पासपोर्ट की जरुरत क्यों है? सफेद पासपोर्ट रखने वालों को कुछ अलग से सुविधाएं मिलती है।
मरून: डिप्लोमैटिक. भारतीय डिप्लोमैट्स और सीनियर सरकारी अधिकारियों के लिए होता है। इंडियन डिप्लोमैट्स और सीनियर गर्वनमेंट ऑफिशियल्स (IPS, IAS रैंक के लोग) को मरून रंग का पासपोर्ट जारी किया जाता है।
हाई क्वालिटी पासपोर्ट के लिए अलग से ऐप्लीकेशन दी जाती है. इसमें उन्हें विदेशों में एमबेंसी से लेकर यात्रा के दौरान तक कई सुविधाएं दी जाती हैं। साथ ही देशों में जाने के लिए वीजा की जरुरत नहीं पड़ती तो साथ ही इमिज्रेशन भी सामान्य लोगों की तुलना में काफी जल्दी और आसानी से हो जाता है। इस डिप्लोमेटिक पासपोर्ट उन लोगों को जारी किया जाता है जो भारतीय उच्चायोग के अधिकारी होते हैं या फिर सरकार के प्रतिनिधी. डिप्लोमेटिक पासपोर्ट का रंग भी सामान्य पासपोर्ट से अलग इसलिए ही रखा जाता है. इससे उनकी पहचान अलग से की जा सकती है. इसके लिए अलग ऐप्लीकेशन इसलिए देना जरूरी है. आखिर उसको डिप्लोमेटिक पासपोर्ट की जरुरत क्यों है? विदेश में ऐसे पासपोर्ट धारक के खिलाफ केस दर्ज करना भी आसान नहीं है.
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