समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,15 फरवरी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनयिक क्षमता और कूटनीतिक कौशल की एक बार फिर सराहना की जा रही है। अमेरिकी मीडिया ने हाल ही में “मास्टरक्लास ऑन हाउ टू डील विद ट्रंप” शीर्षक के तहत मोदी की रणनीति को उच्चतम स्तर की कूटनीति का उदाहरण बताया। पूर्व अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत और समझौतों को जिस तरह से मोदी ने संभाला, वह न केवल भारत के लिए बल्कि विश्व कूटनीति के लिए भी एक सीख है।
मोदी की रणनीति: आत्मविश्वास और चतुराई का मिश्रण
अमेरिकी मीडिया की रिपोर्टों के अनुसार, डोनाल्ड ट्रंप, जो अपनी अनपेक्षित और अप्रत्याशित बातचीत शैली के लिए जाने जाते हैं, उनके साथ किसी भी राष्ट्राध्यक्ष के लिए सहज वार्ता करना आसान नहीं होता। ट्रंप अपनी ‘डीलमेकिंग पॉलिटिक्स’ के लिए प्रसिद्ध रहे हैं, जहां वे आक्रामक रुख अपनाकर अपने पक्ष को मजबूत करने की कोशिश करते हैं। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बड़ी चतुराई और आत्मविश्वास के साथ ट्रंप के साथ संवाद स्थापित किया, जिससे भारत ने अपने हितों की रक्षा की और बड़े समझौते करने में सफलता प्राप्त की।
विशेषज्ञों का मानना है कि मोदी ने “पर्सनल डिप्लोमेसी” को अपनाते हुए ट्रंप से दोस्ताना संबंध बनाए और यह सुनिश्चित किया कि भारत को हर समझौते में बराबरी का दर्जा मिले। उन्होंने ट्रंप के व्यक्तिगत अहंकार को संतुष्ट करते हुए भारत के रणनीतिक हितों को सुरक्षित रखा।
अमेरिकी मीडिया की प्रतिक्रियाएं
- “न्यूयॉर्क टाइम्स” ने लिखा कि मोदी ने एक ‘डिप्लोमैटिक बैलेंस’ बनाकर ट्रंप की अनिश्चितताओं से निपटने का बेहतरीन तरीका अपनाया।
- “वॉशिंगटन पोस्ट” के अनुसार, मोदी ने ‘शांत और दृढ़ नीति’ से ट्रंप के साथ बेहतर संबंध बनाए और अपनी शर्तों पर बड़े समझौते सुनिश्चित किए।
- “CNN” ने इसे ‘एक ऐसे नेता की कूटनीति बताया जिसने ट्रंप की मनोवैज्ञानिक रणनीतियों को अच्छी तरह समझा और उन्हें प्रभावी ढंग से संभाला’।
प्रमुख समझौते और रणनीतिक लाभ
मोदी और ट्रंप के बीच हुई वार्ताओं से भारत को कई बड़े लाभ मिले, जिनमें रक्षा समझौते, व्यापारिक वार्ताएं और वैश्विक मंचों पर भारत की सशक्त उपस्थिति शामिल हैं।
- रक्षा क्षेत्र में प्रगति – भारत ने अमेरिका के साथ कई महत्वपूर्ण रक्षा समझौते किए, जिससे भारत की सुरक्षा क्षमताएं मजबूत हुईं।
- व्यापार वार्ता में संतुलन – ट्रंप के ‘अमेरिका फर्स्ट’ सिद्धांत के बावजूद मोदी ने भारत के आर्थिक हितों को बनाए रखा।
- वैश्विक नेतृत्व में मजबूती – संयुक्त राष्ट्र और अन्य वैश्विक मंचों पर भारत को अधिक समर्थन मिला।
निष्कर्ष
अमेरिकी मीडिया द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना यह दिखाती है कि उन्होंने डोनाल्ड ट्रंप जैसे कठिन और अप्रत्याशित नेता के साथ भी कूटनीति की नई ऊंचाइयां हासिल कीं। उनकी रणनीति ने यह साबित किया कि सौहार्दपूर्ण रिश्ते बनाए रखते हुए भी राष्ट्रीय हितों की रक्षा की जा सकती है। मोदी की यह कूटनीति अन्य वैश्विक नेताओं के लिए भी एक सीख बन गई है।
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