वस्त्र मंत्रालय ने गुजरात में ‘सौराष्ट्र तमिल संगमम्’ और चिंतन शिविर का किया आयोजन
वस्त्र क्षेत्र में निरंतरता के लिए पर्यावरण, सामाजिक और गवर्नेंस टास्क फोर्स जल्द ही तैयार होगी: पीयूष गोयल
समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 23अप्रैल। गुजरात के राजकोट शहर में हस्तशिल्प और हथकरघा को समर्पित वस्त्र मंत्रालय की ई-कॉमर्स वेबसाइट की सॉफ्ट लॉन्चिंग हुई। इस दौरान केंद्रीय वस्त्र, उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण और वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा कि खुद अपनी आवश्यकताओं की पूर्ति (निरंतरता) के प्रति भारत की प्रतिबद्धता को ध्यान में रखते हुए कपड़े के क्षेत्र में एक ईएसजी (पर्यावरण, सामाजिक और शासन संबंधी) टास्क फोर्स का गठन किया जाएगा। यह आयोजन ‘सौराष्ट्र तमिल संगमम्’ का एक हिस्सा था, जिसमें गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्रभाई पटेल ने भी हिस्सा लिया।
सोमनाथ और राजकोट में दो दिन के आयोजन के दौरान, केंद्रीय मंत्री ने वस्त्र मंत्रालय के अधिकारियों के साथ चिंतन शिविर में हिस्सा लिया, जिसमें क्षेत्र के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की गई।
इस अवसर पर पीयूष गोयल ने कहा कि वस्त्र क्षेत्र को और अधिक जीवंत बनाने के लिए सार्थक विचार-विमर्श हुआ है। उन्होंने कहा कि कुछ निर्माता और निर्यातक पर्यावरण, सामाजिक और गवर्नेंस (ईएसजी) अनुपालन प्रमाणपत्र हासिल करने पर काफी महत्व दे रहे हैं और दो बार इसे सुनिश्चित कर रहे हैं।
उन्होंने बताया कि 2030 तक वस्त्र क्षेत्र के लिए 100 अरब डॉलर का निर्यात लक्ष्य और पूरे क्षेत्र के लिए 250 अरब डॉलर का समग्र लक्ष्य रखा गया है।
उन्होंने कहा कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की पांच प्रतिबद्धताओं (पंच प्रण) में यह भी शामिल है कि हमें आत्मविश्वास के साथ प्रगति करने के लिए अपनी जड़ों की ओर लौटना होगा। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु और गुजरात दोनों इतिहास और संस्कृति से तो जुड़े हुए हैं, साथ ही ये मजबूत पारंपरिक एवं आधुनिक कपड़ा क्षेत्र होने के कारण भी जुड़े हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री के ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ में दृढ़ विश्वास के कारण गुजरात में ‘सौराष्ट्र तमिल संगमम्’ का आयोजन किया जा रहा है। तमिलनाडु से बड़ी संख्या में महिलाएं राज्य में आई हैं। उनके साथ बातचीत में महसूस हुआ कि वे काफी उत्साहित और आनंदित हैं। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह दिखाता है कि हमारे देश की सांस्कृतिक विरासत एकजुटता में है। उन्होंने कहा कि ‘सौराष्ट्र तमिल संगमम्’ वास्तव में देश के लोगों को एकजुट करने का एक प्रयास है।
Comments are closed.