अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने सीआईएचसीएस के लिए बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़ी सहायता को दी मंजूरी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 15 मार्च। ‘विरासत से विकास’ और ‘विरासत से संवर्द्धन’ की भावना के अनुरूप, माननीय प्रधानमंत्री के ‘पांच प्रण’ से प्रेरित अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने सीआईएचसीएस के लिए बुनियादी ढांचे के विकास से जुड़ी सहायता को मंजूरी दे दी है।

बौद्ध अध्ययन भाषा को न केवल उच्च शिक्षा के एक विषय के रूप में पुनर्जीवित करने की बढ़ती मांग एवं आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए, बल्कि अल्पसंख्यक समुदाय की विरासत एवं संस्कृति को संरक्षित करने तथा बौद्ध अध्ययन के क्षेत्र में शिक्षा एवं अनुसंधान को बढ़ावा देने के महत्व को पहचानते हुए, केन्द्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय ने अपनी योजनाओं यानी ‘प्रधानमंत्री जन विकास कार्यक्रम’ और ‘बौद्ध विकास योजना’ के तहत केन्द्रीय हिमालयी संस्कृति अध्ययन संस्थान (सीआईएचसीएस) में बौद्ध विकास, शैक्षणिक सहयोग, अनुसंधान को बढ़ावा देने, भाषा के संरक्षण, बौद्ध आबादी के प्रतिलेखों के अनुवाद आदि से संबंधित ढांचागत विकास को मजबूत करने हेतु 40 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से एक परियोजना को मंजूरी दे दी है। इस परियोजना का उद्देश्य हिमालयी क्षेत्रों और उत्तर-पूर्वी भारत में बौद्ध विकास योजना से संबंधित मामलों के संदर्भ में सीआईएचसीएस को एक ज्ञान भागीदार के रूप में विकसित करना है।

प्रस्तावित केंद्र अंतरराष्ट्रीय ख्याति के उन विद्वानों को जोड़ने का माध्यम बनेगा, जो सामाजिक, ऐतिहासिक, भाषाई, धार्मिक और अन्य सांस्कृतिक मामलों से जुड़े अपने शोध को साझा करेंगे ताकि युवाओं को एक वैश्विक नागरिक के सकारात्मक विकास में अनुसंधान और स्वतंत्र सोच के महत्व को समझने में सक्षम बनाया जा सके। यह केंद्र संबंधित इलाके में बौद्ध संस्कृति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से विभिन्न प्रकार की कार्यशालाएं, प्रशिक्षण सत्र और सहभागी गतिविधियों का आयोजन करेगा।

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