सीमावर्ती गांवों के विकास को नई गति: मोदी सरकार ने ‘वाइब्रेंट विलेजेज़ प्रोग्राम-2’ को ₹6,839 करोड़ की लागत से दी मंजूरी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,5 अप्रैल।
भारत के सीमावर्ती गांव अब सिर्फ आखिरी छोर नहीं, बल्कि विकास और सुरक्षा के अग्रदूत बनते जा रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन को आगे बढ़ाते हुए केंद्र सरकार ने आज ‘वाइब्रेंट विलेजेज़ प्रोग्राम-2’ को मंजूरी दे दी है। इस कार्यक्रम के तहत ₹6,839 करोड़ की राशि खर्च की जाएगी, जिससे अंतरराष्ट्रीय भूमि सीमाओं से सटे गांवों को समग्र विकास मॉडल में बदला जाएगा।

यह योजना भारत के उन सीमावर्ती गांवों पर केंद्रित है, जो अब तक विकास की मुख्यधारा से कटे रहे हैं। ‘वाइब्रेंट विलेजेज़ प्रोग्राम-2’ का उद्देश्य इन गांवों को आधुनिक सुविधाओं से युक्त, आत्मनिर्भर और सुरक्षित सामुदायिक इकाइयों में परिवर्तित करना है। योजना के अंतर्गत स्थायी आजीविका, बेहतर जीवन स्तर, और सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे को सशक्त किया जाएगा।

सीमावर्ती क्षेत्रों का विकास केवल ग्रामीण उत्थान ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। सरकार की इस पहल से सीमाओं पर जनसंख्या का टिकाव बढ़ेगा, जिससे इन क्षेत्रों में सुरक्षा बलों के लिए सहयोगात्मक वातावरण बनेगा और देश की सीमाएं अधिक मजबूत होंगी।

पहले चरण के अंतर्गत जिन गांवों में बुनियादी ढांचा, सड़कों, इंटरनेट कनेक्टिविटी, स्कूल, और स्वास्थ्य सेवाओं का विस्तार किया गया था, वहां स्थानीय लोगों में आत्मविश्वास की वृद्धि देखी गई। अब दूसरे चरण में सरकार इन पहलों को और अधिक सुदृढ़ करेगी और समग्र ग्रामीण कायाकल्प की दिशा में तेज़ी से कार्य करेगी।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा सीमावर्ती क्षेत्रों के प्रति दिखाई गई प्रतिबद्धता, न केवल राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बल देती है, बल्कि यह बताती है कि ‘आखिरी गांव तक विकास पहुंचाना’ अब एक संकल्प नहीं, बल्कि सुनियोजित नीति बन चुकी है।

Comments are closed, but trackbacks and pingbacks are open.