समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22अप्रैल। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को बेंगलुरु में कहा कि देश में खालिस्तानी लहर नहीं है और केंद्र स्थिति पर कड़ी नजर रख रहा है। यह बात गृह मंत्री ने उस दौरान कही जब देश के हर कोने में फरार चल रहे खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह को पकड़ने की कोशिश जारी है। गृह मंत्री ने कहा कि पंजाब सरकार ने अच्छा काम किया है और केंद्र ने सहयोग किया है।
देश में नहीं खालिस्तानी लहर
अमित शाह ने बेंगलुरु में एक मीडिया कॉन्क्लेव में कहा, “यहां खालिस्तान की कोई लहर नहीं है। कई बार, कुछ लोग कोशिश करते हैं, लेकिन सरकार ने अपना काम किया है। पंजाब सरकार ने अच्छा काम किया है और केंद्र ने समर्थन दिया है। हम स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।”
आपराधिक गतिविधियों को अंजाम नहीं दे रहा अमृतपाल
अमृतपाल सिंह की गिरफ्तारी और लंबे समय से फरार होने के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने कहा, “कुछ मामलों में ऐसा हो जाता है। पहले वह खुलेआम घूमता था, लेकिन अब वह अपनी आपराधिक गतिविधियों को अंजाम नहीं दे सकता है।”
उच्चायोग पर किसी हमले को बर्दाश्त नहीं करेगी केंद्र सरकार
केंद्रीय गृह मंत्री ने यह भी कहा कि पीएम नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार भारतीय उच्चायोगों पर किसी भी प्रकार के हमले को बर्दाश्त नहीं करेगी और भारतीय कानूनों के अनुसार कड़ी कार्रवाई की जाएगी। पंजाब में हाल ही में पुलिस कार्रवाई की निंदा करने के लिए विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था।
19 मार्च को लंदन में खालिस्तानियों ने किया था हंगामा
अमित शाह ने पिछले महीने लंदन में भारतीय उच्चायोग और यूके और सैन फ्रांसिस्को में वाणिज्य दूतावास पर हुए हमले का जिक्र किया। इस साल 19 मार्च को खालिस्तान के बैनर लिए प्रदर्शनकारियों ने लंदन में उच्चायोग के बाहर प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों में से एक उसकी बालकनी पर चढ़कर भारत के भारतीय राष्ट्रीय ध्वज को नीचे खींच लिया था।
कर्नाटक के लिए पीएफआई अहम मुद्दा
आज बेंगलुरु में मीडिया सम्मेलन में बोलते हुए, गृह मंत्री ने बताया कि कर्नाटक में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया भी एक महत्वपूर्ण मुद्दा है। साथ ही, उन्होंने कहा कि अब प्रतिबंधित संगठन के खिलाफ केंद्र की कार्रवाई के बाद लोग सुरक्षित महसूस कर रहे हैं।
पीएफआई मुद्दा नहीं, लोगों की सुरक्षा के लिए जरूरी
अमित शाह ने कहा, “पीएफआई एक महत्वपूर्ण मुद्दा भी है। कांग्रेस ने पीएफआई को सुरक्षित रखा और कर्नाटक में इसका समर्थन किया। भाजपा सरकार ने पीएफआई पर प्रतिबंध लगा दिया है।” यह पूछे जाने पर कि क्या पीएफआई पर प्रतिबंध के मुद्दे पर लोग भाजपा को वोट देंगे, गृह मंत्री ने कहा कि यह मुद्दा नहीं है, लोगों की सुरक्षा है।
कर्नाटक के लोग तारीफ के काबिल
उन्होंने कहा, ‘हो सकता है कि पीएफआई मुद्दा न हो, सुरक्षा हो। जिस तरह से पीएफआई के तहत हिंसा की जा रही थी, हमारे कार्यकर्ता प्रवीण को दिनदहाड़े मार दिया गया। कर्नाटक के लोग ने पीएफआई के दबाव में आकर भी जैसे काम किया है, वो तारीफ के काबिल है।”
केन्द्रीय गृह मंत्रालय ने पीएफआई को घोषित किया गैर कानूनी
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पिछले साल सितंबर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) और उसके सहयोगियों को गैरकानूनी संघ घोषित किया था। गृह मंत्रालय ने कहा था कि पीएफआई और उसके सहयोगी को गंभीर अपराधों में शामिल पाया गया है, जिसमें आतंकवाद और इसके वित्तपोषण, लक्षित भीषण हत्याएं, देश के संवैधानिक ढांचे की अवहेलना, सार्वजनिक व्यवस्था को परेशान करना आदि शामिल हैं। गृह मंत्रालय ने कहा कि संगठन की नापाक गतिविधियों पर लगाम लगाना जरूरी समझा।
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