एनटीआरआई ने अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर जनजातीय महिलाओं की उल्लेखनीय उपलब्धियों का मनाया उत्सव

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 10 मार्च। राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान (एनटीआरआई) ने 8 और 9 मार्च 2024 को नई दिल्ली में जनजातीय महिलाओं की उपलब्धियों पर दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन ‘आदि व्याख्यान श्रृंखला – 5’ का नई दिल्ली में सफल आयोजन किया, इसका विषय था – जनजातीय प्रतिष्ठा को उत्कृष्ट बनाना।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर जनजातीय महिलाओं की उल्लेखनीय उपलब्धियों का उत्सव मनाने वाले इस कार्यक्रम में कला, संगीत, साहित्य, खेल, हस्तशिल्प, पारंपरिक ज्ञान आदि क्षेत्रों की लगभग 200 जनजातीय महिलाओं ने भाग लिया। इस आयोजन में असम, महाराष्ट्र, राजस्थान, ओडिशा, मिजोरम, छत्तीसगढ़, झारखंड, गुजरात और दिल्ली से आने वाले प्रतिभागी शामिल हुए।

जनजातीय कार्य मंत्रालय की अतिरिक्‍त सचिव आर. जया ने उद्घाटन भाषण दिया। उन्होंने जनजातीय महिलाओं की सरहाना की तथा उनके प्रयासों को बधाई दी। अतिरिक्‍त सचिव ने कहा कि उद्यमिता के माध्यम से जनजातीय महिलाओं को सशक्त बनाना सतत विकास की कुंजी है। उन्होंने इस तथ्य का उल्लेख किया कि सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास के भाव से ही विकसित भारत का स्वप्न साकार होगा। आर. जया ने कहा कि जनजातीय महिलाओं ने इस दृष्टिकोण को सुनिश्चित करने की दिशा में मार्ग प्रशस्त किया है।

राष्ट्रीय जनजातीय अनुसंधान संस्थान की विशिष्ट निदेशक प्रोफेसर नुपुर तिवारी ने जनजातीय उपलब्धि हासिल करने वाली महिलाओं का स्वागत किया और उनके प्रयासों के लिए उन्हें बधाई दी। नुपुर तिवारी ने कहा कि राष्ट्रीय महिला सम्मेलन जनजातीय महिलाओं की उल्लेखनीय उपलब्धियों का सम्मान करने और उन्हें प्रमाणित करने की एक अविश्वसनीय शुरुआत है। यह महिलाओं के स्वर और उनकी अनसुनी दास्तान को आगे बढ़ाएगा। उन्होंने कहा कि जनजातीय महिलाओं का सामर्थ्य, लचीलापन व एकजुटता दूसरों को प्रेरित करेगी और वे इस मंच के माध्यम से एक-दूसरे का सहयोग करना तथा उत्थान करना जारी रखेंगी।

इस कार्यक्रम को संबोधित करने वाली कुछ सफल महिलाओं में दुर्गाबाई व्याम (पद्मश्री पुरस्कार विजेता, गोंड पेंटिंग), रायमती घिउरिया (क्वीन ऑफ मिलेट्स), डॉ. अंजू मीना (अंतर्राष्ट्रीय बॉडी बिल्डिंग और पावर लिफ्टिंग एथलीट नेशनल- स्वर्ण पदक विजेता) तथा प्रियंका (राष्ट्रीय महिला कबड्डी खिलाड़ी) शामिल थीं।

दुर्गाबाई व्याम ने प्रतिभागियों के साथ अपनी जीवन यात्रा के बारे में बातें साझा कीं। उनकी प्रतिभा और जीवन यात्रा देश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत का सच्चा प्रमाण है। क्वीन ऑफ मिलेट्स और ओडिशा की एक प्रसिद्ध किसान रायमती घिउरिया ने अपनी अविश्वसनीय उपलब्धियों के बारे में जानकारी दी।

कार्यक्रम में महिला स्वयं सहायता समूहों एवं कलाकारों और कारीगरों के अलावा विभिन्न क्षेत्रों की महिला उद्यमी भी शामिल थीं।

लद्दाख के जनजातीय कलाकारों ने जीवंत प्रदर्शन ने अपने अनूठे नृत्य का प्रदर्शन किया, यह नृत्य उनकी अनूठी नृत्य शैली को प्रदर्शित करने का एक हिस्सा था, जो संस्कृति एवं प्रतिभा का सच्चा उत्सव था। उन्होंने महिलाओं की शिक्षा जागरूकता के लिए एक कार्यक्रम प्रदर्शित किया।

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