समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 5नवंबर।
केंद्र सरकार के कृषि कानूनों के विरोध में देशभर के किसान संगठन आज सड़कों पर उतर आए हैं। 12 बजते ही पंजाब में रेल और सड़क यातायात ठप हो चुका है। किसान जत्थेबंदियों द्वारा देश व्यापक चक्का जाम के दिए गए आह्वान के तहत पंजाब की सभी राष्ट्रीय और राज मार्गों पर सडकों स्थानों पर किसानों ने धरने देकर यातायात ठप्प कर दिया है।
मालवा और दोआबा को मिलाने वाले सतलुज दरिया के सनौर पुल पर बड़ी संख्या में किसान इकठ्ठा होकर धरने पर बैठे हैं और जरनैली सड़क पर यातायात पूरी तरह से ठप्प हो गया है। किसानों ने राष्ट्रीय मार्ग बठिंडा-चंडीगढ़ को पूरी तरह से जाम कर दिया है। मार्ग बंद होने के कारण लोगों को काफी परेशानियों का सामना कर पड़ रहा है।
अमृतसर में भी किसानों द्वारा भारी विरोध प्रकट किया जा रहा है। यहां किसान संगठनों द्वारा शहर के गोल्डन गेट और मीरांकोट चौक, दल खालसा और लोक भलाई पार्टी द्वारा मॉल ऑफ अमृतसर के बाहर और अकाल पूर्व की फौज जत्थेबंदी की तरफ से लारंस रोड चौक में चक्का जाम किया गया है, जो शाम 4 बजे तक जारी रहेगा।
इस बारे में बात करते हुए किसान नेताओं ने कहा कि पंजाब के किसान कृषि के नियमों के खिलाफ लगातार संघर्ष कर रहे हैं। देश भर के किसान संगठन अब संघर्ष में शामिल हो गए हैं। पंजाब के साथ, संघर्ष की यह लहर अब देश के अन्य राज्यों में फैल गई है।
किसान नेताओं ने कहा कि आज का देशव्यापी चक्का जाम केंद्र सरकार को इन कानूनों को रद्द करने के लिए मजबूर करेगा। अगर केंद्र सरकार अभी भी अपने फैसले से पीछे नहीं हटती है, तो देश भर के किसान 26 और 27 नवंबर को दिल्ली चलो के आह्वान पर दिल्ली का घेराव करेंगे।
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