NEET विवाद पर राहुल गांधी और अखिलेश यादव ने केंद्र पर किया हमला, धर्मेंद्र प्रधान ने दिय़ा करार जवाब

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 22 जुलाई। विपक्ष ने सोमवार को NEET-UG पेपर लीक विवाद पर सरकार पर चौतरफा हमला किया. विपक्षी सांसदों ने शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग की. साथ ही लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने मौजूदा मुद्दे के बारे में केंद्रीय मंत्री की समझ पर सवाल उठाया. अखिलेश यादव भी इस मुद्दे को लेकर संसद में जमकर बरसे.

राहुल गांधी ने मानसून सत्र के पहले भाषण में कहा, ‘यह पूरे देश के लिए स्पष्ट है कि हमारे एग्जामिनेशन सिस्टम में बहुत गंभीर समस्या है, न केवल NEET में, बल्कि सभी प्रमुख परीक्षाओं में. मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने खुद को छोड़कर बाकी सभी को दोषी ठहराया है. मुझे तो लगता है यहां जो चल रहा है उसके मूल सिद्धांतों को वह समझते हैं.’

धर्मेंद्र प्रधान का पलटवार
कांग्रेस सांसद ने धर्मेंद्र प्रधान से यह भी पूछा, ‘चूंकि NEET एक व्यवस्थित मुद्दा है, आप इस मुद्दे को ठीक करने के लिए वास्तव में क्या कर रहे हैं?’ वहीं, लोकसभा में राहुल गांधी के बयान पर शिक्षा मंत्री ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की. धर्मेंद्र प्रधान ने पलटवार करते हुए कहा, ‘सिर्फ चिल्लाने से झूठ सच नहीं हो जाएगा. विपक्ष के नेता का यह कहना कि देश की परीक्षा प्रणाली बकवास है, बेहद निंदनीय है.’

धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग
धर्मेंद्र प्रधान के इस्तीफे की मांग करते हुए, समाजवादी पार्टी के सांसद अखिलेश यादव ने कहा, ‘यह सरकार पेपर लीक का रिकॉर्ड बनाएगी. कुछ केंद्र ऐसे हैं जहां 2,000 से अधिक छात्र उत्तीर्ण हुए हैं. जब तक यह शिक्षा मंत्री हैं, छात्रों को न्याय नहीं मिलेगा.’

DMK सांसद कलानिधि वीरास्वामी ने भी नीट परीक्षा को निरस्त करने की मांग उठाई. इसके जवाब में प्रधान ने द्रमुक पर कटाक्ष करते हुए कहा, ‘2010 में पहली बार नीट का फैसला किया गया था. सबको पता था कि उस समय सरकार में कौन था और कौन समर्थन कर रहा था. सुप्रीम कोर्ट ने अखिल भारतीय स्तर पर परीक्षा कराने का दो बार निर्देश दिया था. इसी के अनुसार यह परीक्षा जारी है.

NEET पेपर लीक का मुद्दा संसद में उठाया गया, जबकि सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को विवादों से घिरी मेडिकल प्रवेश परीक्षा से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई शुरू की. NEET-UG उम्मीदवारों के एक वकील ने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (NTA), जो प्रतिष्ठित परीक्षा आयोजित करती है, ने पेपर लीक और व्हाट्सएप के माध्यम से ‘लीक प्रश्न पत्र’ के प्रसार की बात स्वीकार कर ली है.

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