पाहलगाम आतंकी हमले में शहीद हुए नेवी अफसर विनय नरवाल के घर पहुँचे राहुल गांधी, भावुक परिजनों से की मुलाकात

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,6 मई ।
आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में एक और वीर जवान ने अपनी जान की आहुति दी! पाहलगाम में हुए आतंकवादी हमले में भारतीय नौसेना के अफसर विनय नरवाल ने शहादत दी। लेकिन उनकी शहादत को न सिर्फ भारतीय सेना, बल्कि पूरे देश ने सम्मान दिया। इस बीच, कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शहीद के परिवार से मिलकर न सिर्फ संवेदना व्यक्त की, बल्कि उनका साहस और बलिदान भी सराहा।

राहुल गांधी की यह मुलाकात, शहीद के परिजनों के लिए एक भावुक पल बन गई। यह मुलाकात किसी राजनीति से ज्यादा एक मानवीय जुड़ाव का प्रतीक बनकर सामने आई।

24 वर्षीय विनय नरवाल, जो भारतीय नौसेना में एक अफसर थे, जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकियों के हमले का शिकार बने। आतंकवादियों ने उनकी कार पर फायरिंग की, जिसमें विनय वीरगति को प्राप्त हुए। उनका परिवार, जिनकी आँखों में हमेशा उनके भविष्य के सपने थे, अब सिर्फ उनकी शहादत पर गर्व कर सकता है।

राहुल गांधी, जो राजनीतिक मंच से अक्सर देश के विभिन्न मुद्दों पर अपनी आवाज उठाते हैं, इस बार मानवीय दृष्टिकोण से परिजनों के साथ पहुंचे। उन्होंने विनय नरवाल के माता-पिता से मुलाकात की और उन्हें ढाढस बंधाया। राहुल गांधी ने शहीद के परिवार को आश्वस्त किया कि भारत उनके बलिदान को कभी नहीं भूलेगा

इस मुलाकात के दौरान राहुल गांधी ने कहा:

“विनय जैसे शूरवीर सैनिक हमारे देश की शान हैं। उन्होंने अपनी जान देकर देश की सुरक्षा का संकल्प पूरा किया। हमें उनकी शहादत पर गर्व है और हम हमेशा उनके परिवार के साथ खड़े हैं।”

राहुल गांधी ने शहीद के पिता से हाथ मिलाकर उन्हें सांत्वना दी और उनके साहस की सराहना की। विनय के पिता ने भी अपनी भावना व्यक्त की और कहा,

“हमारे बेटे ने देश के लिए अपना जीवन समर्पित किया। हम दुखी हैं, लेकिन गर्व महसूस कर रहे हैं कि हमारा बेटा ऐसा बलिदान देने वाला सैनिक था।”

वहीं, विनय की मां की आँखों में आँसू थे, लेकिन उन्होंने अपने बेटे की शहादत पर गर्व किया और राहुल गांधी का आभार व्यक्त किया।

राहुल गांधी की यह मुलाकात न केवल एक नेता के रूप में, बल्कि एक इंसान के रूप में एक संवेदनशील कदम के रूप में देखी गई। यह पहली बार नहीं था जब राहुल गांधी ने भारतीय जवानों की शहादत पर संवेदना व्यक्त की हो, लेकिन इस बार यह मुलाकात राजनीतिक लड़ाई से कहीं दूर, सिर्फ एक सच्चे भारतीय नागरिक के रूप में थी।

विनय नरवाल का बलिदान एक उदाहरण है — कि देश की रक्षा में अपना जीवन समर्पित करने वाले सैनिकों का सम्मान और उनका कर्ज कभी नहीं उतारा जा सकता। राहुल गांधी की यह मुलाकात और उनके शब्द यह बताते हैं कि देश की एकता और सैनिकों के प्रति सम्मान हर राजनीतिक सीमा से ऊपर है। इस तरह की मुलाकातें दर्शाती हैं कि राजनीति से परे भी, हम सभी को देश के शहीदों के परिवारों के साथ खड़ा होना चाहिए।

 

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