आरबीआई ने एचडीएफसी बैंक, पंजाब एंड सिंध बैंक पर नियामक उल्लंघन के लिए लगाया जुर्माना

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,28 मार्च।
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने एचडीएफसी बैंक और पंजाब एंड सिंध बैंक पर नियामक निर्देशों के उल्लंघन के चलते एक करोड़ रुपये से अधिक का जुर्माना लगाया है। यह कदम बैंकों की पारदर्शिता और जवाबदेही सुनिश्चित करने के लिए नियामकीय ढांचे के अनुपालन की आवश्यकता को रेखांकित करता है।

आरबीआई ने एचडीएफसी बैंक पर 75 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है, क्योंकि उसने “नो योर कस्टमर” (KYC) मानदंडों से संबंधित केंद्रीय बैंक के निर्देशों का सही तरीके से पालन नहीं किया। आरबीआई ने अपने बयान में कहा कि केवाईसी दिशानिर्देश वित्तीय अपराधों, मनी लॉन्ड्रिंग और धोखाधड़ी को रोकने के लिए आवश्यक हैं। हालांकि, नियामकीय उल्लंघन के लिए यह दंड लगाया गया है, लेकिन आरबीआई ने स्पष्ट किया कि इससे एचडीएफसी बैंक और उसके ग्राहकों के बीच किए गए किसी भी लेन-देन की वैधता पर सवाल नहीं उठाया गया है।

इसी तरह, पंजाब एंड सिंध बैंक पर 68.20 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है। यह दंड “बैंकों के बीच बड़े सामान्य जोखिमों की केंद्रीय रिपॉजिटरी बनाने” और “वित्तीय समावेशन – बैंकिंग सेवाओं तक पहुंच – बेसिक सेविंग्स बैंक डिपॉजिट अकाउंट (BSBDA)” संबंधी आरबीआई के निर्देशों का पालन न करने के कारण लगाया गया है। ये उपाय यह सुनिश्चित करने के लिए लागू किए गए थे कि बैंक बड़े वित्तीय जोखिमों का प्रभावी प्रबंधन करें और वंचित वर्गों को बुनियादी बैंकिंग सेवाओं तक व्यापक पहुंच प्रदान करें।

इसके अलावा, केएलएम अक्षीवा फिनवेस्ट (KLM Axiva Finvest) नामक एक गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी (NBFC) पर भी लाभांश की घोषणा से संबंधित नियामकीय आवश्यकताओं का पालन न करने के कारण 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया है।

आरबीआई ने दोहराया कि ये दंड केवल नियामकीय अनुपालन में कमियों के लिए लगाए गए हैं और इनका संबंधित संस्थानों तथा उनके ग्राहकों के बीच हुए लेन-देन या समझौतों की वैधता पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। यह कदम भारत के वित्तीय संस्थानों में मजबूत नियामकीय मानकों को बनाए रखने की केंद्रीय बैंक की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

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