राजनीतिक विचारों से ऊपर उठकर, सभी को राष्ट्रीय स्तर की विकास परियोजनाओं को पूरा करने में योगदान देना चाहिए”: डॉ. जितेंद्र सिंह

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,15जुलाई। केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार); प्रधानमंत्री कार्यालय, कार्मिक, लोक शिकायत, पेंशन, परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष राज्य मंत्री डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा, “राजनीतिक विचारों से ऊपर उठकर, सभी को राष्ट्रीय स्तर की विकास परियोजनाओं को पूरा करने में योगदान देना चाहिए।“

एक जनसभा को संबोधित करते हुए डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी द्वारा शुरू की गयी विकास परियोजनाएं किसी खास नेता या पार्टी की नहीं हैं, बल्कि वे सभी समुदायों के लोगों के लाभ के लिए हैं। उधमपुर-कठुआ-डोडा संसदीय क्षेत्र से तीसरी बार जीतने पर सम्मानित किये जाने के अवसर पर उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री मोदी ने वोट बैंक से ऊपर उठकर, जहां जरूरत है, वहां उपलब्ध कराने की नीति अपनाई है।” उन्होंने कहा कि इसलिए सभी को अपने सुझाव देने चाहिए और इस बारे में इनपुट देना चाहिए कि इन परियोजनाओं को और बेहतर कैसे बनाया जा सकता है और कैसे क्रियान्वित किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि यदि कोई वजह है, तो प्रशासन को आवश्यक सुधार करने के निर्देश दिए जाएंगे।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने उपस्थित लोगों से अपील की कि देविका नदी पुनरुद्धार परियोजना सहित विकास परियोजनाएं समाज के प्रत्येक समुदाय के लिए हैं और इनका लाभ सभी को और आने वाली पीढ़ी को मिलेगा।

उधमपुर जिले के प्रसिद्ध “कलाड़ी” उत्पाद के बारे में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि सरकार की एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत दूध से बने इस उत्पाद को बढ़ावा देने के लिए पहले ही पहचान की जा चुकी है। उन्होंने कहा कि इसकी स्वीकार्यता और मूल्य बढ़ाने के लिए कलाड़ी की ब्रांडिंग आवश्यक है। उन्होंने स्थानीय चैंबर ऑफ कॉमर्स से इस प्रयास में अपनी भूमिका निभाने का आग्रह किया।

इसी क्रम में डॉ. जितेन्द्र सिंह ने लैवेंडर के उपयोग पर जोर दिया और उपस्थित लोगों को बताया कि जिले के डुडू-बसंतगढ़ क्षेत्र में इसकी खेती शुरू हो चुकी है। उन्होंने कहा, “डोडा जिले की भदेरवाह तहसील में शुरू हुआ अरोमा मिशन उधमपुर पहुंच चुका है।” उन्होंने कहा कि बैंगनी और श्वेत क्रांति से शुरू हुए स्टार्ट-अप स्वरोजगार के नए अवसर और स्थायी आजीविका के स्रोत बनकर उभरे हैं।

मंत्री ने सुझाव दिया, “उधमपुर में कई तरह के दूध उत्पाद हैं, जिन्हें यहां निर्मित होने वाले नए औद्योगिक एस्टेट में ब्रांड में बदला जा सकता है।” उन्होंने मीडिया और समाज दोनों से क्षेत्र में लैवेंडर की खेती और दूध उत्पादों के बारे में जागरूकता पैदा करने की अपील की। इस बात को रेखांकित करते हुए कि उधमपुर के प्राकृतिक संसाधनों का पूरी तरह से उपयोग नहीं किया गया है, केंद्रीय मंत्री ने कहा कि ये संसाधन भारत की अर्थव्यवस्था में मूल्यवर्धन करेंगे।

Comments are closed.