सेंसेक्स, निफ्टी की 7 दिनों की रैली पर लगा ब्रेक, बाजार में धीमी शुरुआत; बजाज फाइनेंस में 6% की जोरदार उछाल

मुंबई: भारतीय शेयर बाजारों ने गुरुवार को सात दिन की दमदार तेजी पर ब्रेक लगाते हुए सुस्त शुरुआत की। बीएसई सेंसेक्स 58.06 अंक की गिरावट के साथ 80,058.43 पर खुला, वहीं एनएसई निफ्टी 51.05 अंक टूटकर 24,277.90 पर खुला।

हालांकि पिछले सत्र में सेंसेक्स और निफ्टी ने रिकॉर्ड ऊंचाई को छुआ था — सेंसेक्स 80,116.49 और निफ्टी 50 ने 24,328.95 पर बंद होकर ऐतिहासिक स्तर दर्ज किया था। मगर आज की हल्की गिरावट बाजार में मुनाफावसूली और वैश्विक संकेतों की मिलीजुली तस्वीर का नतीजा मानी जा रही है।

दिलचस्प बात यह रही कि जहां लार्ज कैप स्टॉक्स में गिरावट दिखी, वहीं बीएसई मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक हरे निशान में खुले। यह संकेत देता है कि बाजार की चौड़ाई मजबूत बनी हुई है और छोटे निवेशकों का भरोसा बरकरार है।

सेंसेक्स के टॉप गेनर्स में बजाज फाइनेंस सबसे आगे रहा, जिसमें लगभग 6% की उछाल देखी गई। इसके साथ ही बजाज फिनसर्व, टाटा मोटर्स, स्टेट बैंक ऑफ इंडिया और टेक महिंद्रा ने भी मजबूती दिखाई।

वहीं दूसरी ओर ईटरनल (पूर्व में ज़ोमैटो) में 1.36% की गिरावट दर्ज की गई। इसके अलावा इन्फोसिस, भारती एयरटेल, एचडीएफसी बैंक और एचसीएल टेक के शेयर भी लाल निशान में ट्रेड करते नजर आए।

रिपोर्ट लिखे जाने तक, निफ्टी में शामिल 1,092 स्टॉक्स बढ़त में थे, जबकि 767 शेयरों में गिरावट आई और 145 स्टॉक्स बिना किसी बदलाव के रहे।

गुरुवार सुबह गिफ्ट निफ्टी 24,280 पर खुला, जो इसके पिछले बंद 24,317.50 से नीचे रहा। इससे पहले ही यह अंदेशा था कि बाजार हल्के दबाव में खुलेगा।

वैश्विक बाजारों में संकेत मिले-जुले रहे। अमेरिकी बाजारों ने रफ्तार पकड़ी, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के फेडरल रिजर्व और व्यापार नीतियों पर नरम रुख से राहत मिली, जबकि एशियाई बाजारों में बिखराव नजर आया।

  • निक्केई 225 (जापान): +0.84%

  • कोस्पी (दक्षिण कोरिया): -0.48%

  • हैंग सेंग (हांगकांग): -1.35%

  • शंघाई कंपोजिट (चीन): गिरावट में

  • निफ्टी आईटी: -0.01%

  • निफ्टी मेटल: -0.13%

  • निफ्टी फार्मा: +0.31%

  • निफ्टी ऑटो: +0.20%

विशेषज्ञों का मानना है कि बाजार फिलहाल एक सीमित दायरे में बना रह सकता है। निवेशक वैश्विक आर्थिक संकेतों का विश्लेषण कर रहे हैं और घरेलू कंपनियों के आने वाले तिमाही नतीजों का इंतजार कर रहे हैं।

 7 दिनों की रैली के बाद यह ठहराव जरूरी था — बाजार का यह मूड एक ‘ब्रेक के बाद’ की तरह है, जहां निवेशक नई दिशा की तलाश में हैं।

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