ईमानदारी और ज्ञान प्राप्त करने की लालसा से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है- अनुसुईया उइके

समग्र समाचार सेवा
इंफाल, 22नवंबर। मंगलवार को राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (एन.आई.टी.) मणिपुर के 10वें दीक्षांत समारोह में मणिपुर की राज्यपाल अनुसुईया उइके भी शामिल हुई। यहां उइके ने अपने संबोधन में कहा कि सफलता का कोई शार्टकट नहीं होता,कड़ी मेहनत, ईमानदारी और ज्ञान प्राप्त करने की लालसा से ही सफलता प्राप्त की जा सकती है। इसलिये आप आगे भी ईमानदारी से मेहनत करें, फिर देखिए सफलता आपके कदमों में होगी।

Success can be achieved only through honesty and desire to gain knowledge – Anusuiya Uike 10वें दीक्षांत समारोह के अवसर पर   बजरंग लाल बागरा, अध्यक्ष बोर्ड आफ गवनर्स एन.आई.टी.मणिपुर,  बसंत कुमार सिंह, शिक्षा मंत्री मणिपुर, प्रो. मंगलेम सिंह जी, प्रभारी निदेशक, एन.आई.टी. प्रोफेसर फैकल्टी मेम्बर छात्र उपस्थित थे। इस अवसर पर कुल 260 छात्रों को डिग्री तथा 5 छात्रों को गोल्ड मेडल प्रदान किये गये।

राज्यपाल ने अपना संबोधन स्थानीय मणिपुरी  भाषा के अभिवादन खुरूमजरी से और अंत थागतचरी जिसका अर्थ धन्यवाद होता है से किया गया। स्थानीय लोगों को यह संबोधन बहुत पसंद आया।
राज्यपाल ने सभी गार्जियन्स, छात्रों, प्रोफेसर, अधिकारी कर्मचारियों को हार्दिक बधाई दी। उन्होंने कहा कि उक्त सभी के त्याग, तपस्या, बलिदान और मेहनत से आपको इस संस्थान में शिक्षण का अवसर मिला और आज आप डिग्रियां प्राप्त कर पाए हैं।

 एन.आई.टी.मणिपुर ने बहुत ही कम समय में कई प्रतिभाशाली छात्रों को तैयार किया है जो अपने कौशल और व्यावसायिक क्षमता के लिए देश और विदेशों में जाने जाते हैं। मैं छात्रों से कहना चाहती हूंॅ कि हमारे देश के प्रधान मंत्री  नरेन्द्र मोदी जी का विजन है कि आज का समय भारत को हर मोर्चे पर नई ऊंचाईयों पर पहुंचाने का समय है। मुझे यकीन है कि विश्वविद्यालय की शिक्षा एवं आप प्रधानमंत्री के इस विजन को पूरा करने में सहभागी बनेगें।

Success can be achieved only through honesty and desire to gain knowledge – Anusuiya Uike योग्य छात्र तैयार करने, अनुसंधान को आगे बढ़ाने और देश का विकास करने में एन.आई.टी. का महत्वपूर्ण योगदान है। भारत को तकनीकी के सफल प्रयोग में उसकी क्षमता के लिए विश्व में मान्यता प्राप्त है। हमारे युवाओं की योग्यता और हमारी उपलब्धियाँ इसे दर्शाती हैं। हमें हमारे इंजीनियरों और टेक्नोक्रेट्स पर गर्व है जिन्होंने विश्व को दिखाया है कि हम चन्द्रमा पर सफलता पूर्वक अपना यान भेज सकते हैं। यू.पी.आई. के माध्यम से भुगतान की नई व्यवस्था की सराहना विश्व में हो रही है और अन्य देश हमारी तकनीक को अपनाना चाहते हैं।

हमारा ध्यान भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करने पर है। अब हमें भारत को बेहतर बनाने और लोगों के जीवन को सुधारने के लिए कार्य करने की आवश्यकता है। 21वीं सदी की तकनीकी चुनौतियों में से एक चुनौती स्वास्थ्य की देखभाल है। इसलिए प्रौद्योगिकी और इंजीनियरिंग विशेषज्ञता को शामिल करने जैसी व्यावहारिक बहु-विषयक प्रौद्योगिकी के माध्यम से स्वास्थ्य देखभाल में बदलाव का महत्व समय की मांग है।
एक और बड़ी चुनौती जो हमारे समक्ष है वह जलवायु परिवर्तन और ऊर्जा की बढ़ती मांग हैं। हम इस समय तेल और कोयले जैसे प्राकृतिक संसाधनों की अधिक मांग और उसकी कमी का सामना कर रहे हैं। हमारी अर्थ व्यवस्था का विकास सुनिश्चित करने के लिए हमें अधिक ऊर्जा की आवश्यकता होगी।
हमें ऊर्जा दक्षता को अधिकतम करने के तरीके विकसित करने की आवश्यकता है। अब आप जैसे शिक्षित छात्रों, वैज्ञानिकों, इंजीनियरों और तकनीकी विशेषज्ञों का दायित्व है कि आप हमारी सबसे जटिल आर्थिक,शैक्षिक,स्वास्थ्य और अन्य सामाजिक समस्याओं को समाप्त करने के लिए नई तकनीक का निर्माण करें।
प्रिय छात्रों, आप युवा और ऊर्जावान हैं। मुझे विश्वास है कि आपके पास इस संस्थान से प्राप्त ज्ञान का भंडार है। इस संस्थान में आपने जो ज्ञान और आत्म विश्वास अर्जित किया है वह आपको चुनौतियों का सामना करने में मदद करेगा। आप धैर्य रखते हुए अपने राष्ट्र के उत्थान और समस्याओं के समाधान के लिये अपने ज्ञान का उपयोग करें। अब तक राष्ट्र ने आपको दिया है अब आपका कर्त्तव्य है कि आप समाज के कर्ज से मुक्त होने के लिये अपने ज्ञान का उपयोग करें।
मुझे आशा है कि आप भविष्य में जो भी कार्य करेंगे, देशवासियों की आकांक्षाओं एवं आवश्यकताओं का अवश्य ध्यान रखेंगे। आपको सिर्फ अच्छी तनख्वाह पाने वाले नौकर के रूप में न जाना जाए बल्कि देश की मूलभूत समस्याओं के समाप्त करने वाले नागरिक के रूप में जाना जाए।
आप जिस भी संगठन के लिए काम करें उसके लिए पूरी ईमानदारी से अपने ज्ञान का उपयोग करें और उस संस्थान के लिये आप उपयोगी बनें। दृढ़ता ही सफलता की कुंजी है, बड़े लक्ष्यों के लिए कोई शार्टकट नहीं है और कड़ी मेहनत का कोई विकल्प नहीं है। राज्यपाल ने अपने छात्र जीवन के अनुभवों को साझा करते हुए शायरी के माध्यम से छात्रों का उत्साहवर्धन किया।
मैं युवाओं से कहना चाहती हॅूं कि आप सभी को अपने ज्ञान का उपयोग समाज, राज्य व देश की बेहतरी के लिए करना चाहिए। आपको रोजगार के अवसरों का सृजन करने पर ध्यान केंद्रित करना होगा।
दींक्षात समारोह को राज्य के शिक्षा मंत्री  बसंत कुमार सिंह और  बजरंग लाल बागरा, अध्यक्ष बोर्ड आफ गवनर्स एन.आई.टी.मणिपुर, ने भी संबोधित किया। प्रभारी डायरेक्टर ने वार्षिक प्रतिवेदन प्रस्तुत किया।

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