समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली, 9 फरवरी। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) नेता एसके सुपियन को अग्रिम जमानत दे दी, जिन्होंने नंदीग्राम में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के चुनाव एजेंट के रूप में काम किया था। अदालत ने कई शर्तों के अधीन उनके अग्रिम जमानत के अनुरोध को मंजूर कर लिया। सुप्रीम कोर्ट सुपियन की अपील पर सुनवाई कर रहा था, जो कलकत्ता उच्च न्यायालय के एक फैसले के जवाब में दायर की गई थी, जिसमें उनकी अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी गई थी।
सीबीआई ने किया विरोध
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने सुपियन की याचिका का विरोध करते हुए एक हलफनामा दायर किया और अदालत से राहत के लिए उनकी याचिका को खारिज करने का आग्रह किया, जिसमें दावा किया गया कि नियोजित राजनीतिक दंगों की एक बड़ी साजिश को उजागर करने के लिए याचिकाकर्ता की गिरफ्तारी और हिरासत को सही ठहराने के लिए मजबूर कारण हैं। बदला।
सीबीआई ने कोर्ट में क्या दी दलील
सीबीआई ने सुपियां की याचिका के खिलाफ दायर एक जवाब में कहा, “याचिकाकर्ता की हिरासत और उसकी हिरासत में पूछताछ को सही ठहराने के ठोस कारण हैं ताकि पूर्व नियोजित राजनीतिक दंगों और प्रतिशोध की एक गहरी और बड़ी साजिश का पता लगाया जा सके।” “मैंने सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जिन अपराधों के लिए सुपियां उर्फ सुफियान की जांच की जा रही है, साथ ही जिस मकसद और मंशा के साथ याचिकाकर्ता द्वारा इस तरह के जघन्य अपराधों की योजना बनाई गई और उन्हें अंजाम दिया गया, वह उन्हें राहत पाने का अधिकार नहीं देता है।”
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