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कुमार राकेश

हे गाँधी,हे सरदार,हे राजेन्द्रबाबु,हे बाबासाहेब, अपने आज़ाद देश भारत में ये क्या हो रहा है? हे राम !

हे ईश्वर ,अपने देश भारत को क्या हो गया है? अपने स्वार्थ के लिए देश के बलिदानियों का सहारा लिया जा रहा है.ऐसा क्यों? कहाँ बलिदानी भगत सिंह ,कहाँ भ्रष्टाचार के आरोपी दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया? कोई तुलना है क्या ? कोई तुलना हो सकती…

भ्रम नहीं पाले , विनम्र रहे !

एक बार नदी को अपने पानी के प्रचंड प्रवाह पर घमंड हो गया।नदी को लगा कि मुझमें इतनी ताकत है कि मैं पहाड़, मकान, पेड़, पशु, मानव आदि सभी को बहाकर ले जा सकती हूँ।

ढोल, गंवार, शूद्र, पशु, नारी एक ग़लत आरोपित तथ्य- कांग्रेसी व वामपंथी इतिहासकारों ने भारतीय इतिहास…

कांग्रेसी व वामपंथी ग्रास काल के कई इतिहासकारों ने हमारे मूल इतिहास के साथ तो कई छेड़छाड़ तो किया ही है , सनातन हिंदू ग्रंथों को भी अपने विरोध शैलियों से नहीं बख्शा है .

🌲सत्संग की अनूठी दुकान और मै !🌲

आपको मै एक अपना विशेष अनुभव सुनाता हूँ .आप जानकर खुश ही नहीं बहुत खुश हो जाएँगे . आयें अब मेरी ख़ुशी के अनुभव से रूबरू करे .साथ में असीम आनंद की अनुभूति करे .

।।संपत्ति बड़ी या संस्कार ।।

दक्षिण भारत में एक महान सन्त हुए तिरुवल्लुवर। वे अपने प्रवचनों से लोगों की समस्याओं का समाधान करते थे। इसलिए उन्हें सुनने के लिए दूर-दूर से लोग उनके पास आते थे।

क्या आप जानते हैं दुनिया की सबसे महंगी ज़मीन कहां पर है….?

आज तक किसी एक भूमि के टुकड़े का सबसे अधिक दाम चुकाया गया है वो हमारे भारत में ही पंजाब में स्थित सरहिन्द में, और, विश्व की इस सबसे महंगी भूमि को ख़रीदने वाले महान व्यक्ति का नाम था दीवान टोडरमल जी जैन...

धर्मों रक्षति रक्षित:

भीष्म चुप रहे , कुछ क्षण बाद बोले," पुत्र युधिष्ठिर का राज्याभिषेक करा चुके केशव ... ?* उनका ध्यान रखना , परिवार के बुजुर्गों से रिक्त हो चुके राजप्रासाद में उन्हें अब सबसे अधिक तुम्हारी ही आवश्यकता है" .... ! कृष्ण चुप रहे .... !

सात चिरंजीवी का करे प्रातः स्मरण! पाए कई रोगों से मुक्ति!

प्राचीन वैदिक सनातन हिंदू इतिहास और पुराणों के अनुसार ऐसे सात व्यक्ति हैं, जो चिरंजीवी हैं। यह सब किसी न किसी वचन, नियम या शाप से बंधे हुए हैं और यह सभी दिव्य शक्तियों से संपन्न है।

‘स्टील का डब्बा’

चिलचिलाती ज्येष्ठ की दुपहरी हो या सावन की घनघोर बारिश हो सरला अपने बेटे आलेख की स्कूल बस के इन्तजार में समय से पहले बस स्टॉप पे आकर खड़ी हो जाती थी.पल्लु से पसीना पोछती या फिर बारिश की बूंदे हटाते हुए वो बार बार सड़क में दूर तक निगाह दौड़ाती.