Browsing Tag

कुमार राकेश

🌲सत्संग की अनूठी दुकान और मै !🌲

आपको मै एक अपना विशेष अनुभव सुनाता हूँ .आप जानकर खुश ही नहीं बहुत खुश हो जाएँगे . आयें अब मेरी ख़ुशी के अनुभव से रूबरू करे .साथ में असीम आनंद की अनुभूति करे .

।।संपत्ति बड़ी या संस्कार ।।

दक्षिण भारत में एक महान सन्त हुए तिरुवल्लुवर। वे अपने प्रवचनों से लोगों की समस्याओं का समाधान करते थे। इसलिए उन्हें सुनने के लिए दूर-दूर से लोग उनके पास आते थे।

क्या आप जानते हैं दुनिया की सबसे महंगी ज़मीन कहां पर है….?

आज तक किसी एक भूमि के टुकड़े का सबसे अधिक दाम चुकाया गया है वो हमारे भारत में ही पंजाब में स्थित सरहिन्द में, और, विश्व की इस सबसे महंगी भूमि को ख़रीदने वाले महान व्यक्ति का नाम था दीवान टोडरमल जी जैन...

धर्मों रक्षति रक्षित:

भीष्म चुप रहे , कुछ क्षण बाद बोले," पुत्र युधिष्ठिर का राज्याभिषेक करा चुके केशव ... ?* उनका ध्यान रखना , परिवार के बुजुर्गों से रिक्त हो चुके राजप्रासाद में उन्हें अब सबसे अधिक तुम्हारी ही आवश्यकता है" .... ! कृष्ण चुप रहे .... !

सात चिरंजीवी का करे प्रातः स्मरण! पाए कई रोगों से मुक्ति!

प्राचीन वैदिक सनातन हिंदू इतिहास और पुराणों के अनुसार ऐसे सात व्यक्ति हैं, जो चिरंजीवी हैं। यह सब किसी न किसी वचन, नियम या शाप से बंधे हुए हैं और यह सभी दिव्य शक्तियों से संपन्न है।

‘स्टील का डब्बा’

चिलचिलाती ज्येष्ठ की दुपहरी हो या सावन की घनघोर बारिश हो सरला अपने बेटे आलेख की स्कूल बस के इन्तजार में समय से पहले बस स्टॉप पे आकर खड़ी हो जाती थी.पल्लु से पसीना पोछती या फिर बारिश की बूंदे हटाते हुए वो बार बार सड़क में दूर तक निगाह दौड़ाती.

सफलता के मायने….

एक आठ साल का लड़का गुर्वित गर्मी की छुट्टियों में अपने दादा जी के पास नयासर गाँव घूमने आया। एक दिन वो बड़ा खुश था, उछलते-कूदते वो दादाजी के पास पहुंचा बड़ा होऊंगा तब मैं बहुत सफल आदमी बनूँगा। क्या आप मुझे सफल होने के कुछ टिप्स दे सकते हैं?”

वीर सावरकर के बारे में रोचक तथ्य!

वीर सावरकर पहले क्रांतिकारी देशभक्त थे जिन्होंने 1901 में ब्रिटेन की रानी विक्टोरिया की मृत्यु पर नासिक में शोक सभा का विरोध किया और कहा कि वो हमारे शत्रु देश की रानी थी, हम शोक क्यूँ करें? क्या किसी भारतीय महापुरुष के निधन पर ब्रिटेन में…

जीवन और संस्कार

एक बार एक राजा अपने सहचरों के साथ क्रीड़ा करने जंगल में गया था।वहाँ किसी कारण से एक दूसरे से बिछड गये और एक दूसरे को खोजते हुये राजा एक नेत्रहीन संत की कुटिया में पहुँचकर अपने विछडे हुये साथियों के बारे में पूंछा।नेत्रहीन संत ने कहा महाराज…

सप्त चिरंजीवी और ऋषि मार्कंडेय

हमारे धर्मग्रंथो में एक श्लोक है:- अश्वत्थामा बलिर्व्यासो हनुमांश्च विभीषणः। कृपः परशुरामश्च सप्तैते चिरंजीविनः॥ सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्। जीवेद्वर्षशतं सोपि सर्वव्याधिविवर्जित।।