समग्र समाचार सेवा
सहरसा, 20 सितंबर: पूर्व उपमुख्यमंत्री और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार पर तीखा हमला बोलते हुए कहा कि मौजूदा सरकार के पास कोई विज़न नहीं है और यह सिर्फ़ झूठे वादों पर टिकी हुई है। उन्होंने जनता से वादा किया कि यदि महागठबंधन की सरकार बनी तो बेरोज़गारों को रोज़गार, युवाओं को बेहतर शिक्षा और सभी को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएँगी।
सभी वर्गों को साथ लेकर चलने का भरोसा
सहरसा ज़िला मुख्यालय, सिमरीबख्तियारपुर और महिषी गड़ौल में संवाद कार्यक्रम को संबोधित करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा कि वे हर धर्म और संप्रदाय के लोगों को साथ लेकर चलने में विश्वास रखते हैं। उन्होंने याद दिलाया कि जिस तरह लालू प्रसाद यादव ने दलितों, शोषितों और कमज़ोर वर्गों की आवाज़ उठाई थी, उसी राह पर अब उनका बेटा बिहार को नई दिशा देगा और “नया बिहार” बनाएगा।
भाजपा और मोदी सरकार पर निशाना
भाजपा पर सीधा वार करते हुए तेजस्वी यादव ने कहा, “मोदी जी बिहार में वोट चाहते हैं लेकिन उद्योग गुजरात में लगाते हैं। बिहार की जनता अब इस अन्याय को बर्दाश्त नहीं करेगी।” उन्होंने लोगों को भरोसा दिलाया कि यदि उनकी सरकार बनी तो राज्य में रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे और पलायन की समस्या दूर होगी।
पुल निर्माण पर दावा
सिमरीबख्तियारपुर में तेजस्वी यादव ने कहा कि जब वे उपमुख्यमंत्री थे, तब स्थानीय विधायक के प्रयास से 415 करोड़ रुपये की लागत से डेंगराही घाट पर पुल की मंज़ूरी मिली थी, जो अब निर्माणाधीन है। साथ ही 25 करोड़ रुपये की लागत से कठडुमर घाट पर पीपा पुल का निर्माण भी कराया गया। उन्होंने वादा किया कि भविष्य में यहाँ एक स्थायी पक्का पुल बनाया जाएगा।
भ्रष्टाचार पर सख्ती का ऐलान
तेजस्वी यादव ने कहा कि उनकी सरकार बनी तो भ्रष्टाचार पर कड़ी लगाम लगाई जाएगी और भ्रष्ट अधिकारियों को जेल भेजा जाएगा। उन्होंने जनता से अपील की कि महागठबंधन को मज़बूती दें ताकि बिहार में विकास और न्याय की सरकार स्थापित हो सके।
महागठबंधन के नेताओं की मौजूदगी
इस मौके पर पूर्व सांसद चौधरी महबूब अली कैशर, विधायक यूसुफ सलाहुद्दीन, जिला परिषद उपाध्यक्ष सह प्रदेश महासचिव धीरेंद्र यादव, उप महापौर सह युवा राजद प्रदेश उपाध्यक्ष उमर हयात गुड्डू, धनिकलाल मुखिया और डॉ. गौतम कृष्ण सहित कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे।
तेजस्वी यादव के इस दौरे को आगामी विधानसभा चुनाव से पहले जनता का मूड भांपने और विपक्ष की एकजुटता मज़बूत करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
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