पाहलगाम में पर्यटकों पर आतंकी हमला: देश में आक्रोश, सरकार ने दिए सख्त कार्रवाई के संकेत

श्रीनगर/नई दिल्ली: जम्मू-कश्मीर के खूबसूरत पहाड़ी स्थल पाहलगाम में पर्यटकों पर हुए क्रूर आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया है। इस हमले में कई निर्दोष जानें चली गईं, और कई लोग गंभीर रूप से घायल हुए हैं। यह घटना न केवल अमानवीय है, बल्कि भारत की अखंडता और शांति को सीधी चुनौती है।

देश के गृह मंत्री ने इस बर्बर हमले पर गहरा शोक जताया और कहा, “मेरी संवेदनाएं मृतकों के परिजनों के साथ हैं। इस कायराना हमले को अंजाम देने वालों को बख्शा नहीं जाएगा। हम इस जघन्य अपराध के दोषियों पर सबसे कड़ी कार्रवाई करेंगे।”

गृह मंत्री ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को इस घटना की पूरी जानकारी दी और इसके बाद वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सुरक्षा एजेंसियों के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक भी की। उन्होंने ऐलान किया कि वे शीघ्र ही श्रीनगर रवाना होंगे और वहां सभी सुरक्षा एजेंसियों के साथ उच्च स्तरीय समीक्षा बैठक करेंगे।

सूत्रों के अनुसार, यह हमला शाम के समय उस वक्त हुआ जब पर्यटकों का एक समूह पहलगाम में भ्रमण कर रहा था। अज्ञात बंदूकधारियों ने अचानक फायरिंग शुरू कर दी, जिससे मौके पर चीख-पुकार मच गई। घायलों को आनन-फानन में स्थानीय अस्पताल में भर्ती कराया गया, लेकिन कुछ लोगों को बचाया नहीं जा सका।

इस हमले के बाद घाटी में सुरक्षा व्यवस्था को और कड़ा कर दिया गया है। एनआईए, आईबी और स्थानीय पुलिस की संयुक्त टीमें मौके पर तैनात हैं। सूत्रों का दावा है कि इस हमले में सीमा पार से संचालित आतंकी संगठन की भूमिका हो सकती है।

इस आतंकी हमले ने पूरे देश को गुस्से से भर दिया है। सोशल मीडिया पर #PahalgamTerrorAttack ट्रेंड कर रहा है और लोग आतंकियों को फांसी देने की मांग कर रहे हैं। देश की जनता अब ठोस एक्शन चाहती है — केवल निंदा नहीं, जवाब!

गृह मंत्री की श्रीनगर यात्रा को लेकर सुरक्षा एजेंसियों में हलचल तेज हो चुकी है। माना जा रहा है कि इस दौरे के दौरान ऑपरेशन क्लीन-अप जैसे कठोर कदमों पर मुहर लग सकती है।

यह हमला एक बार फिर यह सवाल खड़ा करता है कि कब तक भारत के निर्दोष नागरिक आतंकियों की गोलियों का निशाना बनते रहेंगे? क्या अब समय नहीं आ गया है कि पूरे देश को एकजुट होकर इस आतंक के खिलाफ निर्णायक लड़ाई छेड़नी चाहिए?

अब सिर्फ आश्वासन नहीं, देश को चाहिए ठोस एक्शन। पहलगाम की वादियों में फैली यह चीख पुकार तब तक शांत नहीं होगी, जब तक आतंकी मानसिकता को कुचल नहीं दिया जाता।

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