नीडो-गवर्नेंस के प्रयासों हेतु शैक्षणिक नेतृत्व के पास कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से अधिक आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता (एसआई) होनी चाहिए: प्रो. एम.एम. गोयल
नई दिल्ली, 29 जनवरी। “नीडो-गवर्नेंस के प्रयासों के लिए शैक्षणिक नेतृत्व के पास कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई) से अधिक आध्यात्मिक बुद्धिमत्ता (एसआई) होनी चाहिए” I ये शब्द पूर्व कुलपति डॉ. मदन मोहन गोयल ,नीडोनोमिक्स स्कूल ऑफ थॉट के प्रवर्तक एवं कुरूक्षेत्र विश्वविद्यालय के सेवानिवृत्त प्रोफेसर ने कहे । वह यूजीसी-मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (एमएमटीटीसी) जामिया मिलिया इस्लामिया, नई दिल्ली द्वारा आयोजित एनईपी ओरिएंटेशन एंड सेंसिटाइजेशन प्रोग्राम (ऑनलाइन मोड) के प्रतिभागियों को संबोधित कर रहे थे। उनका विषय “संस्थागत प्रबंधन में नीडो-गवर्नेंस हेतु शैक्षणिक नेतृत्व” था । प्रो. वीरा गुप्ता निदेशक एमएमटीटीसी ने स्वागत भाषण दिया I डॉ. शाहला तरन्नुम सहायक पाठ्यक्रम समन्वयक ने प्रो एम.एम. गोयल की उपलब्धियों पर एक प्रशस्ति पत्र प्रस्तुत किया।
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