भारत को एक विनिर्माण महाशक्ति बनाने के लिए सरकार और पीएलआई लाभार्थियों के बीच सहयोग व सहभागिता की जरूरत है: पीयूष गोयल

पीयूष गोयल ने भारत मंडपम् में पीएलआई लाभार्थियों के साथ की बातचीत

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,04 फरवरी। केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग, उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण व वस्त्र मंत्री पीयूष गोयल ने शनिवार को नई दिल्ली स्थित भारत मंडपम् में उत्पाद-संबद्ध प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना के लाभार्थियों के साथ बातचीत की। इस बातचीत की शुरुआत में मंत्री ने देश में बेहतर सुविधा और विनिर्माण विकास के लिए विभिन्न औद्योगिक क्षेत्रों की रचनात्मक आलोचना का स्वागत किया।

केंद्रीय मंत्री ने सरकार और क्षेत्र के बीच बेहतर कामकाज व समन्वय को सुविधाजनक बनाने के लिए रचनात्मक आलोचना करने और परामर्श देने के लिए कहा। साथ ही, उन्होंने इस बैठक में उपस्थित लाभार्थियों से सहयोग की भी मांग की। इसके अलावा पीयूष गोयल ने इस बात पर जोर दिया कि सरकार के सामने अपनी बाधाएं और सीमाएं हैं क्योंकि, उसे सीएजी लेखा परीक्षण का भी सामना करना पड़ता है। उन्होंने दस्तावेज संबंधित कार्रवाई की पारदर्शिता में अपना विश्वास व्यक्त किया, जहां न तो किसी मंत्री और न ही किसी सरकारी अधिकारी की ओर से अनियमितताओं की कोई संभावना नहीं है। केंद्रीय मंत्री ने आगे सरकार और लाभार्थियों के बीच सहयोग बनाए रखने पर जोर दिया। पीयूष गोयल ने कहा कि एक-दूसरे की सहायता करने से देश को लाभ होगा और भारत को विनिर्माण के क्षेत्र में महाशक्ति बनाने में मदद मिलेगी।

केंद्रीय मंत्री ने स्पष्ट किया कि पीएलआई योजना लाभार्थियों को सरकारी सेवाओं पर निर्भर बनाने के लिए नहीं है, बल्कि इसका उपयोग विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा देने, आगे की लंबी यात्रा के लिए शुरुआती सहायता के रूप में किया जा सकता है। मंत्री ने “आखिरकार प्रतिस्पर्धा बनी रहेगी” पर जोर देकर उनसे अनुरोध किया कि वे अपने कारोबार को बढ़ाने के मामले में और अधिक बाहर की ओर देखें, न कि केवल घरेलू बाजार की जरूरतों को पूरा करें। मंत्री ने कहा कि वैश्विक स्तर पर प्रमुख देश बनने के लिए भारत में व्यवसायों को मान्यता मिलना महत्वपूर्ण है और इसके लिए उनके पास अपनी मात्रा का पैमाना है, जो उन्हें लागत प्रभावी बनाने में भी सहायता करेगा।

पीयूष गोयल ने अपनी बातचीत के दौरान कहा कि उनका मानना है कि इस बैठक में उपस्थित पीएलआई के हर एक लाभार्थियों में सफलता की कहानी बनने की क्षमता है।

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