‘थर्ड मुंबई’ में स्थापित होंगे शीर्ष वैश्विक विश्वविद्यालय, महाराष्ट्र सरकार ने एजु सिटी के विकास को दी रफ्तार

समग्र समाचार सेवा
मुंबई,28 मार्च।
महाराष्ट्र सरकार ने एक ऐतिहासिक कदम उठाते हुए दुनिया के पांच शीर्ष विश्वविद्यालयों को ‘थर्ड मुंबई’ में अपने कैंपस स्थापित करने के लिए आमंत्रित किया है। यह नई शहर योजना नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास विकसित की जाएगी। वैश्विक स्तर पर शीर्ष 50 में शामिल विश्वविद्यालय एजु सिटी में अपने परिसर खोलेंगे, जो इस महत्वाकांक्षी शहरी विकास परियोजना का एक विशेष शिक्षा क्षेत्र होगा।

मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मंगलवार को मुंबई में यूएस-इंडिया बिजनेस काउंसिल (USIBC) की 50वीं वर्षगांठ शिखर बैठक में इस योजना की घोषणा की। उन्होंने कहा, “हम थर्ड मुंबई में एजु सिटी विकसित कर रहे हैं और पहले ही दुनिया के पांच सर्वश्रेष्ठ विश्वविद्यालयों से बातचीत शुरू कर चुके हैं। इनमें से तीन अमेरिका के हैं, जबकि एक-एक ऑस्ट्रेलिया और यूनाइटेड किंगडम के हैं।” हालांकि, उन्होंने इन विश्वविद्यालयों के नाम उजागर नहीं किए।

एजु सिटी नवी मुंबई इंटरनेशनल एयरपोर्ट के आसपास बनाए जा रहे कर्नाला-साई-चिर्नेर (KSC) न्यू टाउन मास्टर प्लान का हिस्सा है। इस नए शहर को नवाचार और निवेश के लिए डिज़ाइन किया गया है, जिसमें एजु सिटी, मेडी सिटी, ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCC) और डेटा सेंटर्स जैसी विशिष्ट क्षेत्रीय परियोजनाएं शामिल हैं।

महाराष्ट्र सरकार इन पांच विश्वविद्यालयों के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर करने की योजना बना रही है, जो विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (UGC) की मंजूरी और प्रक्रियाओं के पूरा होने के बाद प्रभावी होगा। सरकार का लक्ष्य ‘थर्ड मुंबई’ को वैश्विक शिक्षा और अनुसंधान केंद्र के रूप में स्थापित करना है, जहां अंतरराष्ट्रीय सहयोग के साथ-साथ उत्कृष्ट शिक्षण और विकास के अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने इस पहल के लाभों पर जोर देते हुए कहा, “यह न केवल विश्व स्तरीय शैक्षणिक बुनियादी ढांचा प्रदान करेगा, बल्कि अनुसंधान भागीदारी और नवाचार को भी बढ़ावा देगा। हमारा उद्देश्य एक ऐसा वैश्विक शहर विकसित करना है, जहां उच्च तकनीकी क्षेत्रों पर ध्यान केंद्रित किया जाए और दुनिया भर की प्रतिभाओं को आकर्षित किया जाए।”

शिक्षा और अनुसंधान के अलावा, थर्ड मुंबई को वैश्विक कंपनियों और इनोवेशन हब्स के लिए भी तैयार किया जा रहा है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स (GCCs) को इस शहर की विकास रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा बताया। उन्होंने कहा, “हम अगले दो से तीन वर्षों में कम से कम 2,000 ग्लोबल कैपेबिलिटी सेंटर्स स्थापित करना चाहते हैं।” इसके अलावा, इस परियोजना के तहत बड़े पैमाने पर डाटा सेंटर्स भी विकसित किए जाएंगे, जिन्हें 2030 तक स्वच्छ ऊर्जा के माध्यम से संचालित करने का लक्ष्य रखा गया है।

थर्ड मुंबई में अत्याधुनिक बुनियादी ढांचे और परिवहन कनेक्टिविटी को प्राथमिकता दी जा रही है। नवी मुंबई एयरपोर्ट इस नए शहर के परिवहन केंद्र के रूप में कार्य करेगा, जहां मल्टीमॉडल ट्रांसपोर्ट सिस्टम विकसित किया जाएगा।

इसके अलावा, मेट्रो-8 कॉरिडोर (गोल्डन लाइन) को मुंबई एयरपोर्ट के टर्मिनल 2 से जोड़कर नवी मुंबई एयरपोर्ट तक ले जाया जाएगा, जिससे यात्रियों को दोनों क्षेत्रों के बीच निर्बाध यात्रा की सुविधा मिलेगी।

इसके अतिरिक्त, कोस्टल रोड को विस्तारित कर विरार से जोड़ा जाएगा, जो अंततः विरार से अलीबाग तक मल्टीमॉडल कॉरिडोर का हिस्सा बनेगा। यह ढांचा वधावन पोर्ट जैसे अन्य बड़े बुनियादी ढांचा परियोजनाओं का पूरक होगा। वधावन में एक ग्रीनफील्ड डीप-ड्राफ्ट पोर्ट बनाया जा रहा है, जो दुनिया के सबसे बड़े बंदरगाहों में से एक बनने की संभावना रखता है।

मुख्यमंत्री फडणवीस ने तीसरे अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे की भी घोषणा की, जो वधावन पोर्ट के पास विकसित किया जाएगा और बुलेट ट्रेन परियोजना तथा डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से जोड़ा जाएगा। इससे यह क्षेत्र वैश्विक लॉजिस्टिक्स हब के रूप में उभरकर सामने आएगा।

महाराष्ट्र सरकार की यह योजनाएं राज्य के महत्वाकांक्षी आर्थिक विकास रणनीति को नई दिशा दे रही हैं। थर्ड मुंबई को एक आधुनिक, परस्पर जुड़े शहर के रूप में विकसित करने की योजना बनाई गई है, जहां निवेश, नवाचार और शिक्षा का संगम होगा।

राज्य सरकार की सक्रिय भागीदारी के चलते यह क्षेत्र भारत के आर्थिक भविष्य का केंद्रबिंदु बनने की ओर अग्रसर है, जो अंतरराष्ट्रीय प्रतिभाओं, व्यवसायों और शैक्षणिक संस्थानों को आकर्षित करने वाला एक समृद्ध आधुनिक महानगर बनने जा रहा है।

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