दो आईएएस अफसरों को तीन-तीन महीने की सजा, कोर्ट के आदेश की अवहेलना पड़ी भारी

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,25 मार्च।
न्यायपालिका के आदेशों की अवहेलना दो आईएएस अधिकारियों को भारी पड़ गई। कॉमर्शियल कोर्ट के एक आदेश के बावजूद भुगतान नहीं करने पर दोनों अधिकारियों को तीन-तीन महीने की सजा सुनाई गई है। इस फैसले से प्रशासनिक गलियारों में हलचल मच गई है और यह मामला अब हाईकोर्ट की दहलीज तक पहुंच गया है।

कॉमर्शियल कोर्ट ने पहले ही एक मामले में भुगतान करने का आदेश दिया था, लेकिन संबंधित अधिकारियों ने इस आदेश का पालन नहीं किया। अदालत ने इसे न्यायिक आदेशों की अवहेलना मानते हुए दोनों अधिकारियों को दोषी ठहराया और तीन-तीन महीने की सजा सुनाई।

इस फैसले के खिलाफ दोनों अधिकारियों ने हाईकोर्ट में अपील दायर की है। उनका तर्क है कि परिस्थितियों को देखते हुए भुगतान में देरी हुई, लेकिन इसमें जानबूझकर की गई लापरवाही नहीं थी। अब इस पर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी, जहां दोनों अधिकारियों को राहत मिलने की उम्मीद है।

कोर्ट के आदेशों का पालन न करना अवमानना की श्रेणी में आता है। यदि कोई सरकारी अधिकारी या संस्था किसी न्यायिक आदेश को नजरअंदाज करती है, तो अदालत उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई कर सकती है। यह मामला भी इसी श्रेणी में आता है, जिसमें कोर्ट ने सख्त रुख अपनाते हुए अधिकारियों को सजा सुनाई।

इस फैसले से नौकरशाही में खलबली मच गई है। कानूनी विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला उन अधिकारियों के लिए एक सख्त संदेश है, जो कोर्ट के आदेशों का पालन करने में ढिलाई बरतते हैं।

अब सबकी नजरें हाईकोर्ट पर टिकी हैं। अगर हाईकोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा, तो यह भविष्य में प्रशासनिक अधिकारियों के लिए एक नजीर बन सकता है। वहीं, अगर अधिकारियों को राहत मिलती है, तो यह केस एक नया मोड़ ले सकता है।

इस फैसले ने यह स्पष्ट कर दिया है कि न्यायिक आदेशों की अनदेखी करना किसी भी स्तर पर स्वीकार्य नहीं है और कानून की नजर में सभी समान हैं।

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