समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,22 मार्च। गुवाहाटी पुलिस ने एक बड़े सुरक्षा अभियान में मणिपुर के अलगाववादी संगठन कांगलेई याओल कन्ना लुप (KCP) – पीपुल्स वॉर ग्रुप के दो सदस्यों को गिरफ्तार किया है। यह संगठन पूर्वोत्तर राज्य मणिपुर में सक्रिय है और उसकी गतिविधियां अलगाववाद को बढ़ावा देने से जुड़ी रही हैं। यह गिरफ्तारी पुलिस द्वारा चलाए गए संयुक्त अभियान में हुई, जिसे राज्य में उग्रवादी गतिविधियों के खिलाफ एक बड़ी सफलता माना जा रहा है।
गिरफ्तार किए गए दोनों संदिग्धों को 21 मार्च 2025 को पकड़ा गया, जब एक खुफिया सूचना के आधार पर पुलिस ने उनकी पहचान की और उन्हें दबोच लिया। अधिकारियों के अनुसार, ये दोनों गुवाहाटी में लंबे समय से फर्जी पहचान के साथ रह रहे थे और यहां से संगठन के लिए काम कर रहे थे। उनकी गिरफ्तारी से यह स्पष्ट होता है कि केसीपी का प्रभाव मणिपुर के बाहर भी फैल रहा था और यह समूह राज्य से बाहर भी अपनी गतिविधियों को संचालित करने की कोशिश कर रहा था।
केसीपी (पीपुल्स वॉर ग्रुप) मणिपुर को भारत से अलग कर स्वतंत्र राज्य बनाने की मांग करने वाले कई उग्रवादी संगठनों में से एक है। इस तरह के संगठन वर्षों से हिंसक गतिविधियों, जबरन वसूली और अन्य आपराधिक कृत्यों में संलिप्त रहे हैं, जिनका उद्देश्य राज्य की स्थिरता को कमजोर करना और अलगाववादी विचारधारा को बढ़ावा देना है।
गिरफ्तार किए गए संदिग्धों की पहचान अब तक सार्वजनिक नहीं की गई है, लेकिन उन पर संगठन के लिए नए सदस्यों की भर्ती करने और मणिपुर के बाहर इसकी गतिविधियों का संचालन करने का संदेह है। उनकी गिरफ्तारी से न केवल गुवाहाटी में इस संगठन की गतिविधियों पर अंकुश लगेगा, बल्कि सुरक्षा एजेंसियों को इससे जुड़े अन्य मॉड्यूल्स को भी तोड़ने में मदद मिल सकती है।
गुवाहाटी पुलिस के सूत्रों के अनुसार, गिरफ्तार किए गए लोगों के पास से बड़ी मात्रा में दस्तावेज, नक्शे और संचार संबंधी सामग्री बरामद की गई है। इससे संगठन की कार्यप्रणाली, रणनीति और इसके अन्य नेटवर्क पर महत्वपूर्ण सुराग मिलने की संभावना है। सुरक्षा एजेंसियां अब इस बात की भी जांच कर रही हैं कि कहीं इनका संबंध असम और पूर्वोत्तर के अन्य राज्यों में आतंकी हमलों की साजिश या चरमपंथी प्रचार फैलाने से तो नहीं था।
यह गिरफ्तारी पूर्वोत्तर में कानून प्रवर्तन एजेंसियों के सामने मौजूद चुनौतियों को भी उजागर करती है। वर्षों की काउंटर-इंसर्जेंसी (उग्रवाद विरोधी) रणनीतियों के बावजूद, इस क्षेत्र में अलगाववादी और उग्रवादी संगठन अब भी सक्रिय हैं। खासकर मणिपुर इस समस्या से सबसे अधिक प्रभावित रहा है, जहां केसीपी, यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट (UNLF) और अन्य संगठन राज्य की स्वतंत्रता के लिए संघर्ष कर रहे हैं और अपने उद्देश्यों को पूरा करने के लिए हिंसा का सहारा ले रहे हैं।
इस पुलिस अभियान को राजनीतिक नेतृत्व और आम जनता ने भी सराहा है। असम के मुख्यमंत्री ने गुवाहाटी पुलिस को उनकी सतर्कता और कुशलता के लिए धन्यवाद दिया और राज्य में शांति बनाए रखने के उनके प्रयासों की प्रशंसा की।
इस घटना ने फिर से यह साबित कर दिया है कि पूर्वोत्तर में उग्रवादी संगठनों को खत्म करने के लिए निरंतर मजबूत सुरक्षा उपायों और अंतर्राज्यीय सहयोग की जरूरत है। गिरफ्तारियां केवल एक चेतावनी ही नहीं, बल्कि एक सबक भी हैं कि सुरक्षा एजेंसियों को लगातार सतर्क रहने की आवश्यकता है, क्योंकि क्षेत्र में बढ़ते सुरक्षा खतरे किसी भी समय चुनौती बन सकते हैं।
गिरफ्तार किए गए दोनों संदिग्ध फिलहाल पुलिस हिरासत में हैं और उन्हें आगे की कानूनी प्रक्रिया के लिए अदालत में पेश किया जाएगा। अधिकारियों ने यह भी संकेत दिया है कि जांच जारी रहने के कारण और भी गिरफ्तारियां संभव हैं, जिससे केसीपी (पीपुल्स वॉर ग्रुप) से जुड़े बड़े नेटवर्क का खुलासा हो सकता है।
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