वक्फ एक्ट संशोधन पर हंगामा: विपक्ष की रणनीति या जनता को गुमराह करने का प्रयास?

समग्र समाचार सेवा
नई दिल्ली,15 फरवरी।
संसद में 13 फरवरी को पेश की गई वक्फ एक्ट संशोधन बिल पर बनी संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) की रिपोर्ट को लेकर विपक्षी दलों ने भारी हंगामा किया। इस विरोध ने यह संकेत दिया कि जब यह बिल बहुमत के आधार पर पारित होगा, तब संसद में कितना बड़ा हंगामा हो सकता है।

राज्यसभा में विपक्षी दलों के इस रवैये पर केंद्रीय मंत्री और सदन के नेता जेपी नड्डा ने कड़ा विरोध जताया। उन्होंने कहा कि विपक्ष का यह आचरण देश को खंडित और कमजोर करने वाला है। वहीं, लोकसभा में गृहमंत्री ने स्पष्ट किया कि जेपीसी में विपक्षी सांसदों द्वारा प्रस्तुत सभी दस्तावेजों को रिपोर्ट में शामिल करने पर भाजपा को कोई आपत्ति नहीं है

जेपीसी के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने विपक्ष पर देश को गुमराह करने का आरोप लगाते हुए कहा कि 421 पन्नों की रिपोर्ट में 281 पन्ने विपक्ष के डिसेंट नोट (मतभेद वाले दस्तावेज) के हैं, जिसमें विभिन्न संस्थाओं और मुस्लिम प्रतिनिधियों के विचार भी सम्मिलित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि यह रिपोर्ट पारदर्शिता और गहन अध्ययन के आधार पर तैयार की गई है और इसमें लोकतांत्रिक प्रक्रिया का पूरा पालन किया गया है।

विपक्ष की आपत्ति और सरकार का पक्ष

विपक्ष ने इस बिल को लेकर यह आरोप लगाया कि इससे मुसलमानों की संपत्तियों को छीना जाएगा, जबकि सरकार ने स्पष्ट किया कि किसी भी वक्फ बोर्ड से जमीन या संपत्ति नहीं छीनी जाएगी। बल्कि इस संशोधन से मुसलमानों को ही अधिक लाभ मिलेगा, क्योंकि इससे वक्फ संपत्तियों के दुरुपयोग और कब्जों को रोकने में मदद मिलेगी।

जगदंबिका पाल ने कहा कि वक्फ एक्ट में संशोधन से आम मुसलमानों को ही लाभ होगा, ठीक वैसे ही जैसे तीन तलाक कानून से मुस्लिम महिलाओं को न्याय मिलने लगा और अनुच्छेद 370 हटने से जम्मू-कश्मीर के आम नागरिकों को अपने अधिकार प्राप्त हुए।

वक्फ संपत्तियों पर नियंत्रण और पारदर्शिता

देश में रेलवे और रक्षा विभाग के बाद सबसे अधिक भूमि वक्फ बोर्ड के पास है। वर्तमान में कई प्रभावशाली व्यक्तियों और संस्थाओं ने वक्फ संपत्तियों पर अवैध कब्जा कर रखा है। उत्तर प्रदेश में पूर्व मंत्री आज़म खान का उदाहरण देते हुए यह कहा गया कि उन्होंने वक्फ की जमीन पर निजी कॉलेज तक बना लिया

इस संशोधन के तहत वक्फ संपत्तियों का ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन अनिवार्य होगा, जिससे पारदर्शिता आएगी। वक्फ बोर्ड की कमेटियों में अब दो मुस्लिम महिला सदस्य अनिवार्य रूप से शामिल की जाएंगी। वक्फ संपत्तियों से होने वाली आय को गरीब मुसलमानों के कल्याण के लिए खर्च किया जाएगा, और उन संपत्तियों पर अस्पताल, स्कूल और खेल के मैदान बनाए जाएंगे

निष्कर्ष

विपक्ष का यह आरोप कि वक्फ एक्ट में संशोधन से मुसलमानों की संपत्तियों को नुकसान पहुंचेगा, पूरी तरह से भ्रामक है। हकीकत यह है कि यह संशोधन वक्फ संपत्तियों की पारदर्शिता, अवैध कब्जों से मुक्ति और गरीब मुसलमानों के कल्याण के लिए लाया गया है। लोकतंत्र में मतभेद और बहस आवश्यक हैं, लेकिन संसद में हंगामा और देश को गुमराह करना विपक्ष की राजनीति का हिस्सा बनता जा रहा है

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